प्रा. संतोष गोरे का सुसाईड नोट आया सामने
‘उन’ 34 लोगों के नाम हुए उजागर

* 34 लोगों में 10 महिलाओं के नाम भी शामिल
* प्रा. गोरे ने अपने कम्प्युटर में भी छोडी थी सुसाईड नोट
यवतमाल/दि.25 – गत रोज धामणगांव रेलवे रेलवे स्टेशन के निकट मालगाडी के सामने आकर आत्महत्या कर लेनेवाले प्रा. संतोष भास्करराव गोरे द्वारा मृत्यु से पहले लिखी गई सुसाईड नोट आखिरकार सामने आ गई है. इसके साथ ही इस सुसाईड नोट में दर्ज 34 लोगों के नाम भी उजागर हो गए हैं. जिन्हें प्रा. संतोष गोरे ने अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताने के साथ ही लिखा था कि, उनकी मौत कोई आत्महत्या नहीं है, बल्कि इन 34 लोगों को उनकी हत्या का जिम्मेदार माना जाए. इस सुसाईड नोट में एक प्राचार्य व एक वकील के साथ ही 10 महिलाओं सहित कुल 34 लोगों के नाम दर्ज है. जिन्हें अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताने के साथ ही प्रा. संतोष गोरे ने अपनी मृत्यु पश्चात अपनी पूरी चल-अचल संपत्ति पत्नी सम्मोहिनी उर्फ जिज्ञासा गोरे व बेटी मिनाक्षी गोरे को देने की बात भी लिखी थी.
बता दें कि, गत रोज सुबह यवतमाल निवासी प्रा. संतोष गोरे का शव धामणगांव रेलवे स्टेशन के पास से क्षत-विक्षत अवस्था में बरामद हुआ था. जिनके पास से एक पन्ने का सुसाईड नोट मिलने की जानकारी भी सामने आई थी और पता चला था कि, इस सुसाईड नोट में कुल 34 लोगों के नाम दर्ज है. जिनमें बापूजी अणे महिला महाविद्यालय के कुछ महिला व पुरुष प्राध्यापकों सहित कुछ हाईप्रोफाईल लोगों के नाम दर्ज रहने की बात भी सामने आई थी. जिसके चलते यवतमाल से धामणगांव पहुंचे संतोष गोरे के परिजनों ने सुसाईड नोट में लिखे नामवाले लोगों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किए जाने तक प्रा. संतोष गोरे का पोस्टमार्टम नहीं होने देने की भूमिका अपनाई थी. वहीं दूसरी ओर बडनेरा जीआरपी द्वारा प्रा. संतोष गोरे के सुसाईड नोट को लेकर जबरदस्त गोपनीयता बरती जा रही थी और गोरे के परिजनों व परिचितों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया जा रहा था. जिसके बाद देर शाम पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी हो पाई और प्रा. संतोष गोरे के शव को उनके परिजनों के हवाले किया गया. इसी बीच पुणे से यवतमाल अपनी बेटी के साथ वापिस पहुंची प्रा. संतोष गोरे की पत्नी सहित अन्य परिजनों द्वारा जब प्रा. संतोष गोरे के पर्सनल लैपटॉप को खंगाला गया तो उसमें प्रा. संतोष गोरे द्वारा लिखे गए सुसाईड नोट की डिजिटल कॉपी बरामद हुई. जिसमें प्रा. संतोष गोरे ने अपनी मौत के लिए 34 लोगों को जिम्मेदार बताते हुए लिखा था कि, अगर बात एक-दो लोगों तक सीमित रही होती तो वे संघर्ष कर भी सकते थे. लेकिन यहां तो पूरे 34 लोग उनकी जान के पीछे हाथ धोकर पडे हुए थे. जिनसे निपटना उनके बूते के बाहर की बात थी. ऐसे में उन्होंने अपने आप को खत्म करने का फैसला लिया है. साथ ही उनकी मौत को आत्महत्या का नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या का मामला माना जाए और सुसाईड नोट में नाम दर्ज रहनेवाले 34 लोगों के खिलाफ उसी हिसाब से कार्रवाई भी की जाए.
* कल रात 2 बजे हुआ अंतिम संस्कार
वहीं इस बीच कल देर शाम धामणगांव के ग्रामीण अस्पताल में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत प्रा. संतोष गोरे का शव उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया. पश्चात शव को धामणगांव से रात के वक्त यवतमाल लाकर उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई और रात करीब 2 बजे प्रा. संतोष गोरे के शव पर अंतिम संस्कार किया गया.
* रविवार को पूरा दिन घर पर थे संतोष गोरे, दोपहर में 3-4 लोग आए थे घर
– प्रा. गोरे रात 11.30 बजे निकले थे घर से बाहर, बाईक लेकर पहुंचे थे धामणगांव
इस बीच यह जानकारी भी सामने आई कि, संतोष गोरे की सास को इस समय तबियत खराब रहने के चलते पुणे के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जिसकी वजह से संतोष गोरे की पत्नी व बेटी पुणे गए हुए थे और संतोष गोरे रविवार को पूरा समय अपने घर पर थे. इसी दौरान उन्होंने रविवार को ही अपने पर्सनल लैपटॉप पर अपना सुसाईड नोट टाईप किया, जिसमें दो-तीन बार करेक्शन करने के बाद संतोष गोरे ने उसका प्रिंटआऊट निकालकर अपनी जेब में रख लिया था तथा डिजिटल कॉपी अपने लैपटॉप पर ही छोड दी थी. प्रा. संतोष गोरे के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फूटेज से पता चला है कि, रविवार की दोपहर 3 बजे से रात 8 बजे के दौरान तीन से चार लोग उनसे मिलने के लिए उनके घर पर आए थे. जिसके बाद प्रा. संतोष गोरे रात 11.30 बजे के आसपास अपने घर से अपनी बाईक पर सवार होकर जाते दिखाई दिए. इसके पश्चात संतोष गोरे यवतमाल से निकलकर सीधे धामणगांव रेलवे पहुंचे जहां पर उन्होंने रेलवे स्टेशन की पार्किंग एरिया में अपनी बाईक खडी करते हुए बाकायदा प्लेटफॉर्म टिकट निकालकर रेलवे स्टेशन के भीतर प्रवेश किया और फिर प्लेटफॉर्म क्रमांक 1 से करीब 10 मीटर की दूरी पर स्थित पोल क्रमांक 708/3 के पास खुद को तेज रफ्तार मालगाडी के सामने झोंक दिया था.
* बेहद उच्च शिक्षित थे प्रा. संतोष गोरे
– पत्नी सम्मोहिनी भी हैं अंग्रेजी की प्रोफेसर
पता चला है कि, प्रा. संतोष गोरे बेहद उच्च शिक्षित व्यक्ति थे. जिनके पास कुल 15 डिग्रीयां थी. जिसमें से 6 डिग्रीयां स्नातकोत्तर पदवियां थी. साथ ही वे इस समय भी किसी विषय पर संशोधन करते हुए अपनी पीएच.डी. कर रहे थे. इसके अलावा प्रा. संतोष गोरे की पत्नी सम्मोहिनी उर्फ जिज्ञासा गोरे भी यवतमाल के एक कॉलेज में अंग्रेजी विषय की प्राध्यापिका है और उनके पास भी 7 से 8 डिग्रीयां है. साथ ही उन्होंने कम्प्युटर इंजिनिअरिंग और संगीत में आचार्य पदवी भी प्राप्त की है. शिक्षा के प्रति पूरी तरह से समर्पित गोरे दंपति की एक बेटी भी है. जो यवतमाल में रहते हुए कक्षा 9 वीं की पढाई कर रही है. ऐसे में बेहद उच्च शिक्षित रहनेवाले प्रा. संतोष गोरे द्वारा उठाए गए आत्मघाती कदम की वजह से यवतमाल के शिक्षा क्षेत्र में जबरदस्त हडकंप व्याप्त है.
* इन 34 लोगों के नाम है दर्ज
प्रा. संतोष गोरे द्वारा अपनी मृत्यु से पहले यवतमाल के सिटी पुलिस स्टेशन व ग्रामीण पुलिस स्टेशन के थानेदारों के नाम लिखे गए सुसाईड नोट में प्राचार्य दुर्गेश कुंटे, सरिता देशमुख, धनंजय पांडे, कविता तातेड, विवेक धर्माधिकारी, एड. प्राजक्ता टिकले, ऋचा गढीकर, वैशाली वाटकर, चंद्रशेखर कुलमेथे, प्रवीण बोंडे, दर्शना सायम, चंद्रकांत तोलवानी, सतीश देशपांडे, कमलेश देशपांडे, सोमेश राठोड, मनीष वाघमारे, विनोद चव्हाण, महेश महाजन, संतोषकुमार गाजले, शैलेंद्र तेलंग, विराट घुडे, ज्ञानेश्वर गटकर, देवेंद्र भोयर, सौरभ वगारे, मनीषा मनीष गोरे उर्फ नंदा खंडेराव दुसाने, प्रसाद मनीष गोरे, एड. दरणे, नीलेश मोरे, बंटी उर्फ नीलेश तुरकर, मोनाली सलामे, दिनेश दाणी, प्रदीप दुर्गे, आरती उर्फ आरु राठोड एवं वंशिका चिंडाले इन 34 लोगों के नाम दर्ज है.
* सभी 34 के खिलाफ आत्महत्या हेतु उकसाने का मामला दर्ज
इस बीच बडनेरा जीआरपी के थानेदार मुंढे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक प्रा. संतोष गोरे द्वारा अपने सुसाईड नोट में उल्लेखीत सभी 34 लोगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 108 व 3 (5) के तहत आपसी मिलीभगत करते हुए आत्महत्या हेतु उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. हालांकि अभी इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. थानेदार मुंडे के मुताबिक अब इस मामले की जांच की जाएगी. जिसके तहत बडनेरा जीआरपी का एक दल यवतमाल जाकर सभी के बयान दर्ज करेगा.