महाराष्ट्रविदर्भ

मोर्शी तहसील कार्यालय के सामने प्रकल्पग्रस्तों का अनशन शुरु

पंस पूर्व सभापति ठाकरे ने अनशनकर्ताओं से की भेंट

मोर्शी/दि.28– निम्न चारगड प्रकल्प खोपडा के डूबित क्षेत्र के 498 प्रकल्प ग्रस्त परिवारों को घरकुल का लाभ दिया जाए तथा इस प्रकल्प अंतर्गत भूसंपादित किए सुधारित निर्माणकार्य मूल्यांकन की रकम में तफावत व पारदर्शिता नहीं रहने से संतप्त खोपडा ग्रामवासियों ने 27 दिसंबर से तहसील कार्यालय परिसर में अनशन शुरु किया.

4 दिसंबर को जिलाधिकारी को निम्न चारगड प्रकल्प खोपडा अंतर्गत संपादित किए सुधारित निर्माणकार्य मूल्यांकन की रकम में रहने वाली तफावत की स्पष्टता व सुधारित निर्माणकार्य मूल्यांकन सूची से वंचित भूधारकों की फेरजांच कर मुआवजा देने संबंध में ज्ञापन भी दिया गया था. इसके तहत कार्यकारी अभियंता अमरावती प्रकल्प लोकनिर्माण विभाग 1 ने दिए पत्र में किसी भी तरह की स्पष्टता नहीं की. इसलिए संबंधित विभाग द्वारा प्रकल्पग्रस्तों को गुमराह करने का प्रयास किया गया. नियामक मंडल की मंजूरी प्राप्त 119 लोगों के सुधारित निर्माणकार्य मूल्यांकन की रकम में पारदर्शिता नहीं रहने से और कुछ लोगों का मूल्यांकन दोगुना बढाकर दिया गया. इसलिए सुधारित निर्माणकार्य मूल्यांकन भूधारकों को देय होने वाली रकम के वितरण पर स्थगिति जब तक नहीं जाती तब तक अनशन शुरु रखने की भूमिका खोपडा ग्रामवासियों ने रखी है. अनशनकर्ताओं में विलास कोठाले, प्रभुदास सूर्यवंशी, नरेंद्र रामटेके, प्रवीण उमाले, अमोल कोठाले, गौतम गजभिये, प्रफुल्ल लोणपांडे, विठ्ठल इंगोले, दिलीप लुंगे, सहित सैकडों महिला-पुरुषों का समावेश है. अनशन पंडाल को वरूड पंचायत समिति के पूर्व सभापति विक्रम ठाकरे ने भेंट दी. खोपडा वासियों की गंभीर समस्या को सरकार के समक्ष रखने का आश्वासन उन्होंने दिया.

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