कम पटसंख्या वाली शालाओं पर सेवानिवृत्त शिक्षकों की नियुक्ति का प्रस्ताव
आगामी शिक्षा सत्र से ऐसी शालाओं को संजीवनी मिलने की संभावना
पुणे दि.17- राज्य की कम पटसंख्या की शाला शुुरु रहने के लिए इन शालाओं में सेवानिवृत्त शिक्षकों को नियुक्त करने का प्रस्ताव शालेय शिक्षा विभाग की तरफ से तैयार किया गया हैं. इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो आगामी शैक्षणिक वर्ष से कम पटसंख्या की शालाओं में सेवानिवृत्त शिक्षक शालेय विद्यार्थियों को फिर से पढाते हुए दिखाई देंगे. इस प्रक्रिया के कारण वर्तमान की शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को कोई नुकसान नहीं होगा ऐसा शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया हैं.
राज्य में भाजपा-शिवसेना की सरकार रहते विद्यार्थियों की संख्या 0 से 20 रहने वाली कम पटसंख्या की शासकीय शालाओं का समायोजन करने का निर्णय लिया गया और इस पर अमल शुरु किया गया था. लेकिन इस प्रक्रिया का सभी तरफ से विरोध होने के बाद इसे रोक दिया गया. पश्चात महाविकास आघाडी सरकार सत्ता में आने के बाद इस निर्णय पर फिर से अमल किया गया. लेकिन ग्राम पंचायत और जनप्रतिनिधियों की तरफ से होने वाले विरोध को ध्यान में रखते हुए इस प्रक्रिया को जहां विरोध नहीं है वहां चलाई गई. इसके मुताबिक कुछ शालाएं बंद हो गई, लेकिन शिक्षण आयोग के रुप में सूरज मांढरे व्दारा कामकाज संभाले जाने के बाद पुणे में ग्रामीण और बहुल इलाकों की कम पटसंख्या की शाला बंद न करने की नीति पर अमल किया हैं. एक ही गांव की 2 किमी. दूरी की कम पटसंख्या वाली शालाओं का समायोजन किया जाने वाला हैं. राज्य में 0 से 10 विद्यार्थी संख्या वाली कम पटसंख्या की शालाओं की संख्या 4800 के करीब हैं. इन शालाओं में वर्तमान में पूरा समय शिक्षक कार्यरत हैं. कुछ शालाओं में विद्यार्थियों की संख्या काफी कम हैं. ऐसे में राज्य में शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया शुरु हैं. इस प्रक्रिया में विद्यार्थी संख्या के प्रमाण में अतिरिक्त शिक्षकों की संख्या देखी जाएगी. इस पृष्ठभूमि पर कम पटसंख्या की शाला बंद होने की संभावना है, इस कारण यह शाला बंद न करते हुए उसे शुरु रखने के लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों की निवृत्ति करने का प्रस्ताव शिक्षा विभाग की तरफ से तैयार किया गया हैं.
* कम पटसंख्या वाली शालाएं शुरु रखने की चुनौती
राज्य के अनेक गांव में जिला परिषद की एक ही शाला हैं. यह शाला बंद हुई तो वहां के विद्यार्थियों को शिक्षण की सुविधा नहीं मिलेगी. इस कारण इन शालाओं को बंद न करते हुए उसे शुरु रखने की बडी चुनौती हैं, ऐसे समय सेवानिवृत्त शिक्षकों की नियुक्ति कर उसे शुरु रखा जा सकता हैं. इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया गया हैं.
– सूरज मांढरे, शिक्षण आयुक्त
* तय अनुसार शिक्षा भर्ती
राज्य सरकार ने शिक्षक भर्ती करने का निर्णय लिया हैं. इसके मुताबिक यह प्रक्रिया पूर्ण होगी. कुछ समय के लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों की नियुक्ति हुई तो भी इसका शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर परिणाम नहीं होगा. शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया नियमानुसार निश्चित पदों के लिए होने वाली है, ऐसा भी शिक्षा आयुक्त सूरज मांढरे ने स्पष्ट किया.