* कैबिनेट ने दी है 8754 करोड खर्च को मान्यता
मुंबई /दि. 4– देश के बजट में अगले वर्ष संभावित जनगणना कार्य के लिए 575 करोड का आवंटन किया गया है. जबकि 2019 की कैबिनेट बैठक में 8754 करोड खर्च को मान्यता दी जा चुकी है. उसी प्रकार जनसंख्या पंजीयन कार्यक्रम के लिए भी 4 हजार करोड की मान्यता मिल चुकी है. इस बीच बताया जा रहा है कि, 12 हजार करोड की आवश्यकता रहते बजट में अपेक्षित प्रावधान नहीं होने से सरकार का जनगणना पुन: टालने का इरादा तो नहीं है, इस प्रकार की चर्चा शुरु हो गई है.
प्रत्येक 10 वर्षों में देश की जनगणना होती है. कोरोना महामारी के कारण 2021 की जनगणना प्रलंबित हुई. अब तक इसका काम शुरु नहीं हो सका है. पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव के बाद जनगणना के बारे में सोचा गया था. उस प्रकार के संकेत दिए जा रहे थे. किंतु बजट में कम प्रावधान से अब कहा जा रहा है कि, जनगणना का काम प्रलंबित किया जा सकता है. 2026 में संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का पुन: परिसीमन होने की संभावना है. लोकसभा और राज्य विधानसभाओं की सीटें बढाई जा रही है. ऐसे में जनगणना का काम प्रलंबित होने पर निर्वाचन क्षेत्रों का अधिसीमन भी प्रलंबित होने के दावे किए जा रहे हैं.