महाराष्ट्र

सार्वजनिक छुट्टी यह नागरिकों का कानूनन अधिकार नहीं : हाइकोर्ट

मुंबई/दि.7– सार्वजनिक अवकाश का किसी भी व्यक्ति को कानूनन अधिकार नहीं, ऐसा महत्वपूर्ण निर्णय उच्च न्यायालय ने दिया. दादरा-नगर हवेली पोर्तुगाजिओं के वर्चस्व से मुक्त हुआ. उस 2 अगस्त के दिन की सार्वजनिक छुट्टी की मांग करने वाली याचिका पर न्यायमूर्ति गौतम पटेल एवं न्या. माधव जामदार की खंडपीठ ने यह निर्णय देते समय याचिका खारिज की.
दादरा-नगर हवेली इस केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने 2021 में सार्वजनिक अवकाश की सूची से दादरा-नगर हवेली पोर्तुगाजियों के वर्चस्व से मुक्त हुए 2 अगस्त का दिन कम किया. जिसके विरोध में किशनभाई घुटिया इस 51 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता और आदिवासी नवजीवन जंगल आंदोलन संस्था ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखल की. इस याचिका पर सुनवाई हुई. इस समय याचिकाकर्ताओं की ओर से युक्तिवाद करते समय दादरा-नगर हवेली पोर्तुगीजों के वर्चस्व से 2 अगस्त 1954 को मुक्त होने से इस दिन सार्वजनिक अवकाश दिया जाता था. 1954 से 2020 तक यह छुट्टी घोषित की जाती थी. मात्र 2021 में सार्वजनिक छुट्टी घोषित करते समय 2 अगस्त की छुट्टी कम करने का निर्णय प्रशासन ने लिया. इस ओर न्यायालय का ध्यानाकर्षित किया. वहीं 15 अगस्त, 26 जनवरी यह दिन सार्वजनिक अवकाश का हो सकता है. गुड फ्राइडे को भी सार्वजनिक छुट्टी हो सकती है तो 2 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश क्यों नहीं हो सकता? ऐसा सवाल याचिकाकर्ताओं ने उपस्थित कर प्रशासन का निर्णय रद्द करते 2 अगस्त को छुट्टी घोषित करने के आदेश देने की विनती की.
सप्ताह की छुट्टी के अतिरिक्त वर्षभर के अन्य कुछ महत्वपूर्ण दिन (उदा. 15 अगस्त, 26 जनवरी, दिवाली अन्य) वाली सार्वजनिक छुट्टियां यानि किसी भी व्यक्ति को सार्वजनिक अवकाश का कानूनन अधिकार है. ऐसा नहीं होता, यह स्पष्ट किया. गुरुवार को कर्मचारियों के हक की छुट्टी के सिवाय रिक्त सार्वजनिक अवकाश का प्रमाण यह दिनोंदिन बढ़ रहा है. इस बढ़ते प्रमाण को देखते हुए इन सार्वजनिक छुट्टियों को कम करने की नौबत आयी है. इन छुट्टियों का मूलभूत अधिकार किसी को भी नहीं, तो प्रशासकीय और नियोजनात्मक भाग है. किसी को भी इस बाबत कानूनन हक नहीं, ऐसा स्पष्ट करते हुए याचिका खारिज की.

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