पावस सत्र में मंजूर होगा जनसुरक्षा कानून

सरकार ने जताया मानस, विपक्ष सहित स्वयंसेवी संस्थाओं ने जताई आपत्ति

मुंबई /दि.22– विवादों के घेरे में रहनेवाला जनसुरक्षा विधेयक राज्य विधान मंडल से आगामी मानसून सत्र में मंजूर किया जाएगा, ऐसा राज्य सरकार द्वारा गत रोज ही स्पष्ट किया गया. वहीं विपक्ष ने इस कानून का दुरुपयोग होने का भय जताते हुए इसका विरोध करना शुरु कर दिया है. विपक्ष सहित कई स्वयंसेवी संस्थाओं का कहना है कि, इस कानून के अस्तित्व में आने पश्चात सरकार के खिलाफ आंदोलन करनेवाले लोगों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है.
बता दें कि, शहरी नक्सलवाद को नियंत्रित करने के उद्देश्य से जनसुरक्षा कानून को अस्तित्व में लाने की योजना महायुति सरकार द्वारा बनाई गई है. जिसके चलते गत वर्ष मानसून सत्र में जनसुरक्षा विधेयक को रखा गया था और विपक्ष द्वारा आपत्ति उठाए जाने के चलते इस विधेयक को संयुक्त समिति के पास विचार हेतु भेजा गया था. संयुक्त समिति के अध्यक्ष व राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की अध्यक्षवाली समिति की बैठक विधान भवन में हुई थी और सरकार ने कई लोगों द्वारा इस विधेयक को लेकर उठाई गई आपत्तियों पर अपनी भूमिका स्पष्ट की थी. साथ ही समिति अध्यक्ष व राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि, इस बैठक में आपसी सहमति स्थापित करने का प्रयास किया गया. क्योंकि तेलंगणा, छत्तीसगढ, उडीसा व आंध्र प्रदेश जैसे राज्य ने भी इसी तर्ज पर कानून बनाए. संयुक्त समिति की बैठक में राकांपा के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल ने प्रस्तावित कानून पर अपना आक्षेप जताया था.

* दुरुपयोग को लेकर जताया जा रहा संदेश
शहरी नक्सलवाद को नियंत्रित करने हेतु इस कानून को बनाए जाने की बात सरकार द्वारा स्पष्ट की गई है. वहीं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा आपत्ति उठाई गई है कि, इस विधेयक की व्याख्या में कहीं पर भी नक्सलवाद का उल्लेख नहीं है. ऐसे में किसी भी सरकारी यंत्रणा के खिलाफ आंदोलन या टिकाटिप्पणी होने पर भी कार्रवाई हो सकती है. इस विधेयक में उल्लेखित ‘गैरकानूनी कृत्य’ की व्याख्या पर भी आपत्ति दर्ज कराई गई है. क्योंकि कोई भी ‘गैरकानूनी कृत्य’ लिखित अथवा मौखिक स्वरुप का रहने पर भी गंभीर कार्रवाई के प्रावधान किए गए है.
शहरी नक्सलवाद को नियंत्रित व खत्म करने हेतु यह कानून बेहद महत्वपूर्ण है. जिसके चलते आगामी 30 जून से शुरु होनेवाले पावसकालिन सत्र में इस कानून को मंजूर किया जाएगा.
– चंद्रशेखर बावनकुले
राजस्व मंत्री व संयुक्त समिति अध्यक्ष
सरकार ने सबसे पहले शहरी नक्सलवाद की व्याख्यात स्पष्ट करनी चाहिए अन्यथा इसके अभाव में इस कानून का दुरुपयोग होने का खतरा है.
– जयंत पाटिल
प्रदेशाध्यक्ष, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट).

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