मुंबई लोकल ट्रेन में सफर करने के लिए क्यूआर पास होगा जरूरी
जाने कैसे और कहां से मिलेगा ये पास
मुंबई/दि.9 – मुंबई में एक बार फिर जल्द ही आम लोगों की जिंदगियां पटरी पर उतर आएंगी. दरअसल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को घोषणा कर दी है कि जिन लोगों ने कोविड वैक्सीनेशन की दोनों डोज ले ली हैं. वो सभी मुंबईवासी 15 अगस्त से लोकल ट्रेनों में यात्रा कर सकते हैं. फिलहाल की अगर बात करें तो लोकल ट्रेनों में सिर्फ सरकारी कर्मचारियों और आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों को ही यात्रा करने की अनुमति है.
इस में भी लोकल ट्रेन में वो ही यात्री सफर कर सकेंगे जिन लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक लगे हुए 14 दिन का समय पूरा हो चुका है. इससे पहले उन्हें यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी.
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दोनों डोज ले चुके लोग पास के लिए कर सकेंगे ऐप पर आवेदन
लोकल ट्रेन में ट्रेवल करने वाले यात्रियों को रेलवे पास के लिए विशेष रूप से बनाए गए ऐप पर आवेदन करना होगा. जिन यात्रियों के पास स्मार्टफोन हैं वो पास स्पेशल ऐप के जरिए ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है, वो लोग शहर के नगरपालिका वार्ड कार्यालयों के साथ-साथ उपनगरीय रेलवे स्टेशनों से फोटो पास ले सकते हैं.
दरअसल लोगों के लिए क्यूआर पास प्राप्त करने के लिए एक विशेष ऐप बनाया गया है जो पूरी तरह से टीका लगाए गए हैं और जिन्होंने कोविड -19 वैक्सीन की दूसरी खुराक के बाद 14 दिन की अवधि पूरी कर ली है. ऐसे लोगों के लिए है. दरअसल क्यूआर कोड इसलिए जरूरी है क्योंकि ये रेलवे अधिकारियों को लोकल ट्रेनों में यात्रा करने वाले लोगों की प्रामाणिकता को सत्यापित करने में मदद करेंगा.
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मुंबई वालों को लोकल ट्रेनों में यात्रा करने के लिए ये होगा करना
- मुंबई लोकल में केवल उन लोगों को ही ट्रेनों में चढ़ने की अनुमति दी जाएगी, जिन्होंने टीके की दोनों खुराक ले ली हैं.
- दूसरी खुराक के 14 दिन बाद ही यात्रा की अनुमति होगी.
- मुंबई लोकल ट्रेनों में यात्रा करने के लिए यात्रियों को मासिक पास अनिवार्य रूप से लेन होगा.
- जिन यात्रियों के पास स्मार्टफोन है. वो विशेष रूप से बनाए गए एप के जरिए ट्रेन पास डाउनलोड कर सकते हैं.
- जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है. वो शहर के नगरपालिका वार्ड कार्यालयों के साथ-साथ उपनगरीय रेलवे स्टेशनों से फोटो पास ले सकते हैं.
- स्थानीय यात्रा के लिए इन पासों में क्यूआर कोड होंगे ताकि रेलवे प्रशासन इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि कर सके.