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अपदा विभाग के कामकाज पर उठ रहे सवालिया निशान

राहत व बचाव कार्य में भी ढीलढाल वाला रवैया

अमरावती/दि.19 – बारिश के सीजन दौरान किसी भी प्राकृतिक आपदा में फंसे लोगों की जान बचाने हेतु प्रशासन द्वारा जिला आपत्ति व्यवस्थापन पथक का गठन किया जाता है और इस पथक में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों को लाखों रुपयों का खर्च करते हुए लोगों की जान बचाने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है. लेकिन इसके बावजूद भी इस पथक में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा इस काम को भी लगभग सरकारी ढूलमूल वाली नीति के अनुसार ही किया जाता है. जिसे कई बार राहत एवं बचाव काम शुरु होने में काफी देर हो जाती है, ऐसा ही एक मामला विगत दिनों अमरावती मनपा क्षेत्र में उजागर हुआ. जब जिला आपदा विभाग द्वारा बाढ में बहे बच्चे की खोजबीन में त्वरित पूर्ति नहीं दिखाई गई और अगले दिन उस बच्चे का शव ही बरामद हो सका.
बता दें कि, विगत रविवार को अमरावती शहर में चहूंओर भारी मुसलाधार बारिश हुई थी और शहर के पश्चिम क्षेत्र से होकर गुजरने वाले नाले में जबर्दस्त बाढ आयी हुई थी. जिसमें परवेज खान अरबाज खान नामक 13 वर्षीय बच्चा दोपहर करीब 2 बजे के आसपास बह गया था. जिसकी सूचना तुरंत ही जिला आपत्ति व्यवस्थापन कक्ष को दी थी. परंतु आपदा विभाग का पथक अव्वल तो काफी देर से मौके पर पहुंचा और फिर महज एक-डेढ घंटे तक घटनास्थल कुछ देर आगे तक बच्चे की खोज हेतु अभियान चलाया गया. जिसके बाद शाम 6-सवा 6 बजे यह कहते हुए अभियान रोक दिया कि, अब कल सुबह खोज अभियान चलाया जाएगा. ऐसे में बच्चे के अभिभावकों सहित परिसर के कुछ समाजसेवियों ने आसपास के इलाकों में रहने वाले मछुआरों को बुलाया तथा अपने पास से पैसा खर्च करते हुए रात करीब 1 बजे तक उस बच्चे को खोजने हेतु अभियान चलाया गया. परंतु आधी रात तक उस बच्चे का कही कोई पता नहीं चला. ऐसे मेें मछुआरों ने कुछ देर के लिए अपने अभियान को रोका और सुबह 6 बजते ही एक बार फिर यह खोज अभियान दोबारा शुरु किया गया. जिसके तहत अगले दिन सुबह आपदा विभाग का दस्ता आने से पहले ही उक्त बच्चे का शव घटनास्थल से काफी दूर आगे नाले के किनारे कचरे में फंसा बरामद कर लिया गया था. जबकि इस दौरान घटनास्थल पर पहुंचने के बाद आपदा विभाग के पथक ने एक बार फिर वहीं आसपास खोजबीन करने की तैयारी शुरु की थी. जिसकी वजह से परिसरवासियों ने आपदा विभाग कामकाज को लेकर संताप व्यक्त किया है और विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान भी उपस्थित किये है.

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