रायगढ़ में 103 गांवों पर मंडरा रहा है भूस्खलन का खतरा
2005 में सरकार को सौंपी गई थी सर्वेक्षण रिपोर्ट
रायगढ़/दि. 28 – रायगढ़ जिले के 100 से अधिक गांवों के भूस्खलन की चपेट में आने का खतरा मंडरा रहा है. इसी के ही साथ अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि जिले में आई बाढ़ के दौरान, महाड शहर में कुछ स्थानों पर जल स्तर 25 फीट तक बढ़ गया है. स्थिति इतनी खराब है कि कई एक मंजिला इमारतें और ग्राउंड फ्लोर जलमग्न हैं. अधिकारियों ने बताया कि ऐसा पहले देखने को नहीं मिला. उन्होंने बताया कहा कि इसे पहले भी बाढ़ आई है लेकिन जल स्तर 12 फीट से आगे कभी नहीं पहुंचा
पिछले हफ्ते 24 घंटे लगातार हुई बारिश के दौरान सतारा जिले के हिल स्टेशन महाबलेश्वर में 530 मिमी, महाड में 383 मिमी और पोलादपुर शहर में 575 मिमी बारिश हुई थी. इसी कारण तटीय कोंकण क्षेत्र में स्थित रायगढ़ में बाढ़ आई थी.
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103 गांवों पर भूस्खलन का खतरा
महाड के वरिष्ठ नागरिकों और व्यापारियों ने मुंबई-गोवा सड़क पर बने नए पुल को भी बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इस पुल के कारण बारिश के पानी को निकलने का रास्ता नहीं मिला. रायगढ़ की जिलाधिकारी निधि चौधरी के कार्यालय से प्राप्त आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जिले के 103 गांवों पर भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है.
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तालिये गांव में 95 लोगों की मौत
पिछले हफ्ते तालिये गांव में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में 95 लोगों की मौत हो गई थी. 2005 में, भूस्खलन की आशंका वाले गांवों के निवासियों के पुनर्वास के लिए एक योजना राज्य सरकार को प्रस्तुत की गई थी, लेकिन यह परियोजना कभी शुरू नहीं हुई. बता दें कि 2005 में ही भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने एक रिपोर्ट में, रायगढ़ जिले में 100 से अधिक स्थानों की पहचान की थी, जो भूस्खलन की चपेट में आने के खतरे में थे. लेकिन सरकार ने उसके बाद भी कुछ नहीं किया.