महाराष्ट्र

रापनि का निजीकरण नहीं होगा

परिवहन मंत्री अनिल परब ने दी जानकारी

पुणे/दि.१९ – राज्य परिवहन निगम महामंडल की सेवा पूरे महाराष्ट्र की पहचान है. रापनि का कतई निजीकरण नहीं किया जाएगा. रापनि के किसी भी कर्मचारी का वेतन बकाया नहीं रहेगा, वहीं रापनि को दिक्कतों से बाहर निकालने के लिए सरकार ने 600 करोड़ का निधि दिया है. जिससे वेतन सहित अन्य आवश्यक सुविधाओं को पूरा करने में किसी भी प्रकार की दिक्कतें नहीं आयेगी. यह जानकारी राज्य परिवहन मंत्री अनिल परब ने दी.
परब ने कहा कि रापनि पर कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा आर्थिक प्रभाव पड़ा है. इसलिए रापनि का आय स्त्रोत बढ़ाने हेतु प्रयास जारी है. खर्च कम कर उत्पादन बढ़ाने कुछ बसों की फेरियों का एकत्रीकरण करने जैसी उपाय योजनाएं की जा रही है. रापनि का निजीकरण नहीं किया जाएगा. दापोली की रापनि कार्यशाला को भेंट के दौरान परिवहन मंत्री ने भोसरी के सीआयआरटी को भेंट दी. इस समय वे बोल रहे थे. इस समय परिवहन मंत्री ने रापनि के सभी अधिकारियों की बैठक लेकर रापनि का आयस्त्रोत बढ़ाने के संबंध में विविध पहलूओं पर चर्चा की.

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