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बलात्कारी मोहन चौहान को फांसी की सजा

दिंडोशी सेशन कोर्ट ने सुनाया फैसला

* सजा सुनते ही अदालत में रोने लगा आरोपी
मुंबई/ दि.2- साकीनाका परिसर में एक 32 वर्षीय महिला पर बलात्कार करने के साथ ही उसकी हत्या करने के मामले में नामजद किये गये 44 वर्षीय मोहन चौहान नामक आरोपी को दिंडोशी सत्र न्यायालय ने बलात्कार व हत्या का दोषी करार देते हुए उसे इस अपराध के लिए फांसी की सजा सुनाई है. आज अदालत द्वारा यह फैसला सुनाये जाते ही कोर्ट रूम में मौजूद आरोपी मोहन चौहान जज के सामने ही जोर-जोर से रोने लगा.
मुंबई पुलिस द्वारा इस संदर्भ में अदालत के समक्ष दायर चार्जशीट में बताया गया था कि, 10 सितंबर 2021 की आधी रात एक महिला साकीनाका परिसर में बेहद गंभीर रूप से जख्मी अवस्था में बरामद हुई थी. जिसे इलाज के लिए राजावाडी अस्पताल में भरती कराया गया था. जहां पर 11 सितंबर को इस महिला की मौत हो गई थी. इस महिला के साथ 10 सितंबर 2021 को सुबह 3 बजे साकीनाका में महिला के साथ रेप किया था. इसके बाद महिला के प्राइवेट पार्ट में हथियार डालकर उसे गंभीर रूप से घायल किया गया था. इस मामले में पुलिस ने मोहन चौहान को गिरफ्तार करने के साथ ही उसके खिलाफ हत्या, बलात्कार व एट्रोसिटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया था. साथ ही महज 18 दिन के भीतर अदालत के सामने 346 पन्नों का आरोप पत्र पेश किया था. जिसके उपरांत अभियोजन पक्ष ने अदालत से आरोपी के लिए फांसी की सजा सुनाये जाने की मांग की थी. जिसे स्वीकार करते हुए तमाम सबूतों और गवाहों को ध्यान में रखकर दिंडोशी सत्र न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एच. सी. शेंडे ने आरोपी मोहन चौहान को दोषी करार दिया. साथ ही उसके लिए फांसी की सजा मुकर्रर की.
बता दें कि स्पेशल जज ने सोमवार को चौहान को महिला से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी करार दिया था. दोषी के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए पब्लिक प्रोसिक्यूटर महेश मुले ने तर्क दिया कि रात के अंधेरे में असहाय, अकेली महिला पर यह भीषण शैतानी हमला है जिससे मुंबई जैसे महानगर में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति भय पैदा होता है. जिसके बाद अदालत ने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था. पश्चात सजा पर बहस करने हेतु कल बुधवार को भी दिंडोशी कोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन सुनवाई के दौरान आरोपी मोहन चौहान बार-बार चिल्ला रहा था तथा उसने मामले के जांचकर्ताओं, पीड़ित पक्ष के वकीलों को गालियां भी दी, जिसके चलते कई बार सुनवाई बाधित हुई. फिर उसे कोर्ट से बाहर कर दिया गया. इस इस समय पब्लिक प्रॉसिक्यूटर महेश तुले ने कोर्ट के सामने दोषी चौहान के आचरण का उल्लेख करते हुए कहा कि आरोपी में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि उसमें अपनी करतूत को लेकर पश्चताप का कोई भाव नहीं दिखा रहा है. इस बात की गवाही कोर्ट में उसका व्यवहार ही दे रहा है.
* कोर्ट में रोने लगा दोषी, कहा- मुझे फंसाया गया है
सजा सुनाये जाने से पहले कोर्ट ने मोहन चौहान से पूछा कि उसे क्या और कितनी सजा दी जाए तो वह रोने लगा और कहा कि मुझे मामले में फंसाया गया है. वहीं, दोषी चौहान की वकील कल्पना वास्कर ने तर्क दिया कि यह रेयर मामला नहीं है. रेप के बाद भी पीड़िता जिंदा थी और घटना के बाद अगर उसे उचित इलाज मिलता तो वह जिंदा होती.
इस मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष के वकील ने 37 गवाहों से पूछताछ की और सीसीटीवी फुटेज पर भरोसा किया. सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा था कि चौहान ने महिला के साथ मारपीट की थी और फिर उसे ऑटो की ओर खींच लिया था, जहां उसने रेप की वारदात को अंजाम दिया था. रेप और हत्या के इस मामले में मुख्य गवाह एक चौकीदार था, जिसने महिला को घायल अवस्था में देखा था और पुलिस को सूचना दी थी.
प्रॉसिक्यूशन ने मेडिकल एवीडेंस पर भी भरोसा किया था, जिसमें कहा गया था कि दोषी ने महिला के साथ मारपीट की जिससे महिला को गंभीर चोटें आईं थी. इसी कारण महिला की मौत हुई थी. पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा कि डॉक्टरों ने भी बयान दिया था कि डॉक्टरों ने भी बयान दिया था कि उन्होंने अपने करियर में इस तरह की बर्बरता नहीं देखी.
मुले ने ये भी तर्क दिया कि मेडिकल एवीडेंस में ये जानकारी दी गई है कि महिला के प्राइवेट पार्ट में दोषी ने हथियार को बलपूर्वक डाला था. घाव के आकार ने आरोपी के इरादे को स्पष्ट कर दिया था.
* ये थी पूरी वारदात
मुंबई पुलिस के मुख्य नियंत्रण कक्ष में 10 सितंबर शुक्रवार तड़के 3.30 बजे एक कॉल आई थी कि मुंबई के साकी नाका इलाके में खैरानी रोड पर खून से लथपथ एक महिला बेहोश हालत में पड़ी है. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और उसे घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल ले गई. जहां इलाज के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया था. इस संबंध में पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 और 307 के तहत मामला दर्ज किया था. लेकिन अब उसमें एससी एसटी अधिनियम की धारा भी जोड़ दी गई थी.
इस खौफनाक वारदात के दौरान चौहान ने एक 32 वर्षीय महिला के साथ पहले बलात्कार किया गया और रेप के बाद उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी थी. महिला को बहुत गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया था. इस मामले में जानकारी होने के बाद पुलिस ने दबिश देकर मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था. पहले पुलिस को ये आशंका भी थी कि इस वारदात में और भी आरोपी शामिल हो सकते हैं. महिला के साथ जिस तरह की दरिंदगी की गई, उसे देखकर दिल्ली के निर्भयाकांड की यादें ताजा हो गई थी.

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