देश के गौरवशाली इतिहास हेतु दुर्लभ सिक्कों का जतन जरूरी
राज्यपाल कोश्यारी का प्रतिपादन
मुंबई/दि.27- भारत का इतिहास बेहद जाज्वल्य और वैभवशाली है. हर दौर में हमारे देश ने विभिन्न विदेशी आक्रमणों का बडे धैर्य के साथ सामना किया और अलग-अलग तरह के कई दौर देखे. इतिहास के विविध कालखंडों में आर्थिक लेन-देन यानी चलन के तौर पर प्रयोग में लाये गये सिक्के उस इतिहास के सबूत है. ऐसे में देश के गौरवशाली इतिहास का जतन करने हेतु इन दुर्लभ सिक्कों का जतन करना बेहद आवश्यक है. इस आशय का प्रतिपादन राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने किया.
चलन शास्त्र विषय के विशेषज्ञ व ख्यातनाम लेखक डॉ. दिलीप राजगोर द्वारा लिखीत ‘रिपब्लिक कॉईन्स ऑफ इंडिया’ (भारतीय गणराज्य के चलनी सिक्के) नामक किताब का प्रकाशन आज मुंबई स्थित राजभवन में राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के हाथोें हुआ. इस अवसर पर वे अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. इस कार्यक्रम में सर्वोच्च न्यायालय के जेष्ठ वकील व सिक्के संग्राहक दिनेशभाई मोदी तथा हिंदुजा फाउंडेशन के अध्यक्ष व सिक्के संग्राहक पॉल अब्राहम सहित चलन शास्त्र विषय के कई विशेषज्ञ उपस्थित थे.
इस समय राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने कहा कि, जो अपना इतिहास भूल जाता है, उसे भविष्य भी भूला देता है. ऐसे में पुराने सिक्कों का संग्रहण करते हुए इतिहास को याद व जिंदा रखा जाना बेहद जरूरी है. साथ ही राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने डॉ. दिलीप राजगोर द्वारा पुराने व ऐतिहासिक सिक्कों को लेकर किये गये संशोधन व लेखन की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और अलग-अलग दौर के सिक्कों को लेकर एक अध्ययनपूर्ण किताब लिखने के लिए उनका अभिनंदन भी किया.