
पुणे/ दि.11– नाश्ते में पोहा का स्वाद चखने वाले लोगों को पोहे की दर वृध्दि का भी सामना करना पडेगा. छत्तिसगढ सरकार ने पोहे पर लगाए जाने वाले मंडी टैक्स को बढा दिया है. जिससे वहां के पोहा उत्पादकों ने हडताल आरंभ की है. छत्तिसगढ से होने वाली पोहे की आवक रुक जाने से चिल्लर व थोक बाजार में पोहे के दाम में वृध्दि हुई हेै. राज्य के अधिकांश बाजार में छत्तिसगढ, गुजरात और मध्यप्रदेश से पोहे की आवक होती है. छत्तिसगढ से होने वाली पोहे की आवक कम हुई है, इसलिए गुजरात, मध्यप्रदेश के पोहे की डिमांड बढ गई है. यहां के थोक व्यापारियों ने पोहे के दरों में वृध्दि की है. छत्तिसगढ के व्यापारियों के अलावा मिल मालिकों ने धान की खरीदी नहीं की है. जिसके चलते आने वाले कुछ दिनों में पोहे के दरों में और इजाफा होने की संभावना है. वहीं थोक बाजार में एक क्विंटल पोहे के दर 3200 से 3600 रुपए थे. फिलहाल थोक बाजार में एक क्विंटल पोहे की बिक्री 3400 से 3900 दर से की जा रही है. छत्तिसगढ के भाटपारा गांव में 125 से 150 मिल है. भाटपारा सहित बिलासपुर, रायपुर में धान पर प्रक्रिया करने वाली मिले हेै. छत्तिसगढ सरकार ने मंडी टैक्स में 4 फीसदी वृध्दि कर दी है. जिसके चलते यहां के व्यापारियों के अलावा मिल मालिकों ने धान खरीदी को रोक दिया है. जब तक छत्तिसगढ सरकार मंडी टैक्स कम नहीं करते तब तक धान खरीदी नहीं करने का निर्णय मिल मालिकों ने लिया है. स्थानीय थोक बाजार में पोहे की निलामी बंद कर दी गई हेै. पोहे की खरीदी रुक जाने से छत्तिसगढ के मिले भी बंद है.