मुंबई/दि.1 – राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार भी राज्य के नये मुख्यमंत्री के रुप में एकनाथ शिंदे की ताजपोशी से हैरान है. उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बधाई देते हुए कहा कि, ऐसा लग रहा है कि, शिवसेना के बागी विधायक नेतृत्व परिवर्तन चाहते थे, जो हुआ वह किसी ने नहीं सोचा था. शायद एकनाथ शिंदे ने भी नहीं. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नाम सामने आने के बाद लोग चौक गये. शायद जानबूझकर इस तरह की रणनीति बनाई गई है.
शरद पवार ने कहा कि, उद्धव ठाकरे ने एक बार पूरी पार्टी की जिम्मेदारी एकनाथ शिंदे को सौंप दी थी. शायद यह इसी का नतीजा है. उन्होंने आगे कहा कि, मैंने फोन कर शिंदे को बधाई दी. शपथ लेने के बाद व्यक्ति राज्य का प्रमुख बन जाता है और वह किसी पार्टी का नहीं रहता. पवार ने कहा कि, 38 विधायकों का पार्टी से बाहर जाना कोई साधारण बात नहीं है. शिंदे पहले से तैयारी कर रहे थे. एक दिन में यहां से सुरत और गुवाहाटी नहीं होता. एकसाथ इतने लोगों के बाहर जाने के बाद सरकार बचने की गूंजाईश नहीं बची थी. शिंदे ने अपनी ताकद दिखाई और उन्हें सफलता मिली. मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर पवार ने कहा कि, अब उसके कोई मायने नहीं है. क्योंकि मुख्य मुद्दा यह है कि, शिंदे के पास बहुमत है या नहीं. उनके पास पर्याप्त विधायकों का समर्थन है.
* खुश नहीं दिखे फडणवीस
पवार ने कहा कि, वरिष्ठों के आदेश के मुताबिक इच्छा नहीं होते हुए भी फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद स्विकार किया. शपथ ग्रहण के दौरान फडणवीस का चेहरा बता रहा था कि, वे खुश नहीं थे. लेकिन उन्होंने साबित किया कि, सत्ता पाने का कोई भी मौका हो, उसे स्विकार करना चाहिए. इससे पहले वे मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता थे. लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि, राज्य में मुख्यमंत्री बनने के बाद कोई मंत्री बना हो. राज्य के पहले मुख्यमंत्री शंकरराव चव्हाण से लेकर अशोक चव्हाण और नारायण राणे तक ऐसा कई बार हुआ. आघाडी में शामिल पार्टीयों के एकसाथ चुनाव लढने के सवाल पर पवार ने कहा कि, अभी इसे लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है.