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महर्षि पब्लिक स्कूल की मान्यता रद्द की जाए

विधायक यशोमति ठाकुर ने सदन में उठाई मांग

मुंबई./दि.18 – अमरावती शहर में स्थित महर्षि पब्लिक स्कूल में आरटीई के तहत आदिवासी विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है. साथ ही इन विद्यार्थियों की पढाई-लिखाई तथा भोजन व निवास की सुविधा के लिए सरकार द्बारा इस स्कूल को अनुदान भी दिया जाता है. लेकिन इसमें बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है और इस संदर्भ में बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही. ऐसे में पूरे मामले की सघन जांच करते हुए महर्षि पब्लिक स्कूल की मान्यता को तत्काल रद्द किया जाए, ऐसी मांग तिवसा निर्वाचन क्षेत्र की विधायक यशोमति ठाकुर ने आज विधानसभा में उठाई.
राज्य विधान मंडल के पावस सत्र दौरान विधानसभा के कामकाज से हिस्सा लेते हुए विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, महर्षि पब्लिक स्कूल विगत लंबे समय से विवादों के घेरे में है और इस शाला के प्रबंधन द्बारा आदिवासी छात्रों के लिए किए जाने वाले सरकारी अनुदान में बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. इस शाला में निश्चित तौर पर कितने आदिवासी विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया और कितने विद्यार्थियों के लिए सरकार द्बारा कितना अनुदान प्रदान किया गया तथा उसमें से आदिवासी विद्यार्थियों की पढाई-लिखाई एवं भोजन व निवास पर कितना पैसा खर्च हुआ. इसका आपस में कोई तालमेल नहीं है. साथ ही इसे लेकर बार-बार शिकायत करने के बावजूद आज तक इस स्कूल के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं हुई है. जिसका सीधा मतलब है कि, शोलय शिक्षा विभाग की स्कूल प्रबंधन के साथ आपसी मिलीभगत चल रही है. ऐसे में पूरे मामले की सघन जांच होनी चाहिए. तथा हमेशा ही विवादों में रहने वाली महर्षि पब्लिक स्कूल की मान्यता को भी रद्द किया जाना चाहिए.

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