पश्चिमी विदर्भ में रिकॉर्ड बारिश, लेकिन बांध अभी भी प्यासे

विदर्भ में मानसून का आगमन होने की घोषणा मौसम विभाग ने की है

* संभाग में औसतन 124 मिमी बारिश दर्ज
अमरावती /दि.31– पश्चिमी विदर्भ में प्री-मानसून बारिश ने पिछले महीने के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. मौसम विभाग ने अब विदर्भ में मानसून के आगमन की घोषणा कर दी है. माह के दौरान अमरावती संभाग में औसतन 124 मिमी वर्षा दर्ज की गई. हालांकि बांधों के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश नहीं होने के कारण बांधों में जल भंडारण नहीं बढ़ा है. इसके विपरीत, पिछले दो सप्ताह में जल भंडार में मामूली गिरावट आयी है.
मई माह में अमरावती क्षेत्र में औसत वर्षा केवल 6.5 मिमी रही है. लेकिन, मानसून पूर्व बारिश ने क्षेत्र के सभी पांच जिलों में कहर बरपाया. 1 मई से 29 मई के बीच बुलढाणा जिले में सबसे अधिक 147.6 मिमी बारिश दर्ज की गई. अकोला जिले में 132.8, वाशिम जिले में 118.8, यवतमाल जिले में 115 और अमरावती जिले में 100 मिमी बारिश हुई है. 15 मई को अमरावती संभाग में बड़ी, मध्यम और छोटी परियोजनाओं में जल संग्रहण 939.60 मिलियन क्यूबिक मीटर या 30.29 प्रतिशत था. 29 मई को इन सभी बांधों में 921.72 दलघमी, इसका मतलब यह है कि 29.71 प्रतिशत जल भंडार बचा हुआ है. यह कमी केवल 0.58 प्रतिशत है. सामान्यतः मई माह में सिंचाई, पेयजल उपयोग तथा वाष्पीकरण के कारण एक पखवाड़े में लगभग 5 से 7 प्रतिशत पानी कम होने की संभावना रहती है. उसकी तुलना में यह कमी कम है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है. अमरावती क्षेत्र में कई सिंचाई परियोजनाओं का सिंचाई क्षेत्र मध्य प्रदेश में सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला में स्थित है. इस क्षेत्र में अभी तक भारी बारिश नहीं हुई है, इसलिए बांधों में बहुत कम पानी है. वर्तमान में अमरावती संभाग की 9 बड़ी परियोजनाओं में 472.46 दलघमी (33.75 प्रतिशत), कुल 27 मध्यम परियोजनाओं में 256.81 दलघमी (33.28 प्रतिशत) तथा 253 लघु परियोजनाओं में 192.45 दलघमी (20.68 प्रतिशत) पानी शेष है. मार्च के अंत तक अमरावती क्षेत्र के प्रमुख बांधों का जलस्तर उनकी क्षमता के आधे से भी कम हो गया था. 9 प्रमुख परियोजनाओं में केवल 45.67 प्रतिशत जल भंडारण बचा था. विभाग में बड़ी, मध्यम एवं लघु परियोजनाओं में जल संग्रहण 42.76 है.

* वर्तमान स्थिति क्या है?
अमरावती संभाग में कुल नौ प्रमुख परियोजनाएं हैं. यद्यपि अमरावती जिले में ऊपरी वर्धा जलाशय में अभी भी 45.28 प्रतिशत जल संग्रहण है, लेकिन पश्चिमी विदर्भ के अन्य जिलों में प्रमुख परियोजनाओं में जल संग्रहण में भारी गिरावट आई है. यवतमाल जिले में पूस, अरुणावती और बेंबला परियोजनाओं में शेष जल संग्रहण क्रमशः 28.43 प्रतिशत, 23.74 प्रतिशत और 29.13 प्रतिशत है. यद्यपि अकोला जिले में वान परियोजना में 33.07 प्रतिशत भंडार है, लेकिन काटेपूर्णा परियोजना में केवल 17.98 प्रतिशत है. बुलढाणा जिले में पिछले वर्ष पानी की भारी कमी हुई थी. इस वर्ष स्थिति अच्छी है. बुलढाणा जिले में नलगंगा जलाशय में 43.05 प्रतिशत भंडार है. पेनटाकली परियोजना में 32.50 प्रतिशत भंडार है और खडकपूर्णा परियोजना में शून्य प्रतिशत भंडार है.

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