* सीएमओ में पुणे से पहुंचा खत
पुणे/दि.6– कुछ समय पहले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमवीरसिंह के ‘लेटर बम’ ने पूरे देश में खलबली मचा दी थी. जिसमें आरोप लगाया गया था कि, राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई के बियरबारों व परमीट रूम से 100 करोड रूपये की वसूली का टार्गेट दिया था. वहीं अब पिंपरी-चिंचवड के पूर्व पुलिस आयुक्त कृष्णप्रकाश के संदर्भ में लिखे गये ‘लेटर बम’ की वजह से भी अच्छी-खासी सनसनी मची हुई है. इस पत्र में आरोप लगाया गया है कि, पिंपरी-चिंचवड के पुलिस आयुक्त रहते समय कृष्णप्रकाश में अपने मातहतों के जरिये 200 करोड रूपयों की वसूली की है. सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि, यह पत्र भी पुलिस महकमे में कार्यरत व्यक्ति द्वारा ही लिखकर राज्य के मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया है. ऐसे में महाराष्ट्र पुलिस में एक बार फिर हडकंप का माहौल है.
राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के नाम भेजे गये इस पत्र को लिखनेवालों में पिंपरी-चिचवड के चार सहायक पुलिस आयुक्तों, चार वरिष्ठ पुलिस निरीक्षकों, एक सहायक पुलिस निरीक्षक व एक सामाजिक कार्यकर्ता का समावेश है. वहीं पत्र में लिखी गई बातों से स्पष्ट होता है कि, पिंपरी-चिंचवड पुलिस के सहायक पुलिस निरीक्षक अशोक डोंगरे ने यह पत्र लिखा है, क्योेंकि पत्र के अंत में एएसआई अशोक डोंगरे का ही नाम दर्ज है. परंतू इस पत्र से संबंधित जानकारी सामने आते ही एएसआई डोंगरे ने स्पष्ट किया कि, उन्होंने ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा है और उनका ऐसे किसी मामले से कोई लेना-देना भी नहीं है.
बता दें कि, कथित तौर पर एएसआई डोंगरे द्वारा लिखीत इस पत्र में कहा गया है कि, आयपीएस अधिकारी कृष्णप्रकाश द्वारा विगत डेढ वर्ष के दौरान किये गये गलत कामों में उन्हें फंसाये जाने की पूरी संभावना है. वे विगत तीन वर्ष से पिंपरी-चिंचवड पुलिस आयुक्तालय में कार्यरत है और यहां के पुलिस आयुक्त रहते समय कृष्णप्रकाश ने उन्हें सामाजिक सुरक्षा पथक के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया था और शहर में जमीनों की खरीदी-बिक्री से संबंधित मामलों पर ध्यान रखते हुए इसके जरिये मुझे करोडों रूपये स्वीकार करने हेतु कहा. जिसके तहत उन्होंने अब तक कृष्णप्रकाश के लिए 200 करोड रूपये से अधिक की वसूली की है. किंतु अब उन्हें खुद को इस मामले में फंसाये जाने का भय है. अत: उन्हें सुरक्षा मिलनी चाहिए.