महिलाओं के खिलाफ अपराधों में आई कमी
वर्ष 2019 में 83 फीसदी मामले सुलझे थे, वर्ष 2020 में 77 फीसदी

मुंबई/दि.20 – महानगर से पिछला करीब पूरा साल लॉकडाउन और पाबंदियों के बीच गुजर गया. इसके चलते महिलाओं के खिलाफ मुंबई महानगर में होने वाले अपराधों में कमी आई है. साल 2020 में महानगर में कुल 4539 ऐसे मामले दर्ज किए गए जिनमें महिलाएं पीडित थी जबकि साल 2019 में अपराधियों का शिकार बनी महिलाओं की संख्या 6438 थी. हालांकि इस दौरान अपराध सुलझने की दर में भी कमी आई है.
साल 2019 में पुलिस ने महिलाओं के खिलाफ अपराध दर्ज करने के 83 फीसदी मामलों की गुत्थी सुलझा ली थी जबकि 2020 में अपराध सुलझने की दर घटकर 77 फीसदी रह गई. बीते साल महानगर में दुष्कर्म के 766 मामले दर्ज किया गए. इनमें से 445 पीडित नाबालिग थी. साल 2019 में दुष्कर्म के कुल 1015 मामलों में 622 नाबालिग थीं. महिलाओं के अगवा होने के मामलों में भी कमी दर्ज की गई है. साल 2019 के 1349 के मुकाबले साल 2020 में महिलाओं को अगवा किए जाने की 779 शिकायतें दर्ज की गई. छेडछाड की वारदातें भी 2020 में 1943 रहीं जबकि इससे पिछले साल में आईपीसी की धारा 354 के तहत 2678 मामले दर्ज किए गए थे.
लॉकडाउन के बावजूद मुंबई में दर्ज होने वाले कुल अपराधों में बढोत्तरी हुई है. हालांकि राहत की बात ये है कि, हत्या, दुष्कर्म, डकैती जैसे गंभीर मामलों में कमी आई है. मुंबई पुलिस द्बारा जारी आंकडों के मुताबिक महानगर में साल 2020 में कुल 51 हजार 68 मामले दर्ज किए गए जबकि साल 2019 में कुल 41 हजार 931 मामले दर्ज किए गए थे. दरअसल कोरोना संक्रमण रोकने के लिए महानगर में बीते साल 20 मार्च से सख्त लॉकडाउन लगा दिया गया था. बिना जरुरत, बिना मास्क घर से निकलने वालों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे थे. इसीलिए आईपीसी की सामान्य धाराओं के तहत दर्ज होने वाले मामले साल 2019 के 20 हजार 926 से वर्ष 2020 में 34 हजार 878 तक पहुंच गए. वाहन चोरी इकलौता ऐसा अपराध है जो लॉकडाउन के दौरान बढा है. साल 2019 में वाहन चोरी की 2693 शिकायतों के मुकाबले साल 2020 में गाडियों की चोरी की 2801 मामले दर्ज किए गए.
- ‘लॉकडाउन में उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बडी संख्या में मामले दर्ज किये गये हैं, इसलिए कुल मामले ज्यादा लग रहे हैैं लेकिन पुलिस की सतर्कता के चलते गंभीर अपराधों में कमी आई है.’
– चैतन्य एस, पुलिस उपायुक्त व प्रवक्ता, मुंबई पुलिस