महाराष्ट्र

आठ लाख लाडली बहनों की रकम में कटौती

2100 रुपए देने का किया था वादा, विपक्ष आक्रामक

* पटोले ने कहा-अब वोट कीमत 500 रुपए रह गई
मुंबई/दि.16-महाराष्ट्र सरकार की तरफ से अब लाडली बहन योजना की आठ लाख लाभार्थियों को 1500 रुपए के बजाय 500 रुपए प्रति माह दिए जाएंगे. सरकार के इस फैसले की विपक्ष ने आलोचना की है. कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद राज्य की लाडली बहनों को 2100 रुपए देने का वादा किया गया था. लेकिन अब पहले मिलने वाली राशि में भी कटौती की जा रही है. इस पर राज्य की महिला व बाल कल्याण मंत्री अदिति तटकरे ने कहा है कि, शासनादेश के अनुसार किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ न लेने वाली पात्र महिलाओं को ही लाडली बहन योजना के तहत 1500 रुपए दिए जाएंगे. अन्य सरकारी योजनाओं में 1500 रुपए से कम पाने वाली महिलाओं को लाडली बहन योजना के तहत बाकी की रकम दी जाएगी.

* क्यों कम हुई रकम?
लाडली बहन योजना के तहत महिलाओं के खाते में अभी तक 1500 रुपए आते हैं. मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत भी महिला किसानों को एक हजार रुपए मिलते हैं. पर जो महिलाएं दोनों योजनाओं का लाभ ले रही हैं, उसी के बदले में राज्य सरकार ने उन महिलाओं के खाते की एक हजार रुपए को कम कर दिया है. जिसके तहत अब दो योजनाओं का फायदा लेने वाली राज्य की करीब 8 लाख महिलाओं को सिर्फ 500 रुपए ही लाडली बहन योजना के तहत मिलेंगे. सरकार पिछले काफी समय से लाडली बहन के आवेदन की छानबीन कर रही है.

बहनों के साथ विश्वासघात
राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की महिलाओं को 2100 रुपए देने का वादा किया था. लेकिन जब सरकार बहुमत में आ गई तो सिर्फ 500 रुपए दिए जा रहे हैं. यह राज्य की लाडली बहनों के साथ विश्वासघात की तरह है.
– नाना पटोले, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

किसी भी बहन पर कार्रवाई नहीं की
हमारी सरकार ने किसी भी लाडली बहन पर कोई कार्रवाई नहीं की है. कुछ महिलाएं महा किसान सम्मान योजना और संजय गांधी निराधार योजना का लाभ उठा रही हैं, जिसके चलते इन महिलाओं की रकम में कटौती की गई है.
-आशीष जायसवाल, वित्त राज्य मंत्री

राज्य स्थिति बेहद गंभीर
राज्य की स्थिति बेहद गंभीर है. कर्मचारियों का वेतन देने के लिए भी सरकार के पास पैसे नहीं हैं. यही कारण है कि बडी-बडी बातें करने वाली देवेंद्र फडणवीस सरकार की तीन महीने में ही पोल खुल गई है.
-संजय राऊत,
सांसद एवं प्रवक्ता (उद्धव)

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