महाराष्ट्र

ग्रामीण क्षेत्र में सेवा देने पर पंजीकृत चिकित्सकों को मिलेंगे क्रेडिट पॉईंट

मेडिकल लाइसेंस के नवीनीकरण में मिलेगी सहायता

* फडणवीस ने महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल को दिए निर्देश
मुंबई/दि.16-महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पंजीकृत चिकित्सकों से स्वेच्छा से काम करने का आह्वान किया है. फडणवीस ने महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल को निर्देश दिए हैं कि सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई प्रणाली के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में दी गई सेवाओं के बदले में चिकित्सकों को क्रेडिट प्वाइंटस् दिए जाएं. जिसका इस्तेमाल मेडिकल लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए किया जाए. मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि आर्थिक संसाधनों की कमी के चलते ग्रामीण नागरिकों को उचित इलाज नहीं मिल पाता है. यदि पंजीकृत चिकित्सक गांवों में स्वेच्छा से सेवा देंगे, तो बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं वहां तक पहुंच सकती हैं.

* सीएमई प्रणाली में होगा सुधार
मुुख्यमंत्री के निर्देशानुसार महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल ने सीएमई प्रणाली में कुछ अहम सुधार करने का फैसला किया है. वर्तमान में महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के तहत लगभग दो लाख चिकित्सक कार्यरत हैं. हर मेडिकल लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाता है, जिसके लिए क्रेडिट पॉइंट्स की आवश्यकता होती है. पहले ये पॉइंट्स शैक्षणिक सेमिनार में भाग लेकर ही मिलते थे. लेकिन अब ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं जैसे निःशुल्क चिकित्सा शिविर, शल्य चिकित्सा और अन्य समाजसेवी स्वास्थ्य गतिविधियों में भाग लेने से भी मिलेंगे. इससे युवा चिकित्सकों को ग्रामीण स्वास्थ्य समस्याएं समझने का अवसर मिलेगा. वहीं शहरी चिकित्सक वैज्ञानिक रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य स्थिति का अध्ययन कर सकेंगे. पहले से कई डॉक्टर ऐसी सेवा कर रहे हैं, अब इसे सीएमई प्रणाली में औपचारिक मान्यता दी जाएगी.
* सीएमई की ये होंगी विशेषताएं
-गांवों में आयोजित चिकित्सा या सर्जिकल शिविरों में 3 घंटे सेवा देने पर 1 पॉइंट और 8 घंटे सेवा पट 2 पॉइंट दिए जाएंगे.
-इन पॉइंट्स से मेडिकल लाइसेंस नवीनीकरण में सहायता मिलेगी. मुख्यमंत्री सहायता निधि, धर्मादाय अस्पताल और सहित लगभग 4 हजार 500 अस्पताल इस योजना में शामिल है.
-मुख्यमंत्री सहायत निधि, धर्मादाय अस्पताल और सरकारी मेडिकल कॉलेजों सहित लगभग 4 हजार 500 से अधिक अस्पताल इस योजना में शामिल हैं.
– 9 हजार 500 से अधिक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन अब तक हो चुका है, जो मुख्यमंत्री सहायता कक्ष, धर्मादाय आयुक्त व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से आयोजित किए गए हैं. इन शिविरों में करीब 50 फीसदी पंजीकृत डॉक्टर भाग लेते हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज संभव होता है.

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