महाराष्ट्र

अंडरवर्ल्ड डॉन इकबाल मिर्ची से संबंध

NCP के दिग्गज नेता पहुंचे ED ऑफिस

मुंबई/दि. 23 – राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता प्रफुल पटेल आज प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में जाते हुए दिखाई दिए. पटेल की कुछ संपत्तियां ईडी की ओर से जब्त की गई हैं. इस मामले से संबंधित कुछ कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए वे ईडी कार्यालय में आए थे. लेकिन प्रफुल पटेल ईडी ऑफिस में ज्यादा देर तक नहीं रुके. पेपर्स पर साइन करके वे तुरंत वहां से निकल गए. लेकिन मीडिया ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने बताया कि वे क्यों आए थे.
पत्रकारों द्वारा सवाल पूछे जाने पर प्रफुल पटेल ने कहा, “काफी दिनों पहले जो प्रॉपर्टी ED ने जब्त की थी. उस प्रॉपर्टी के कंफर्मेशन के लिए उन्हें मेरा हस्ताक्षर लेना था. ज्यादा कुछ और नहीं था.” यह प्रतिक्रिया देकर प्रफुल पटेल चले गए.

मुंबई के वरली के पास सीेजे हाउस (CJ House) नाम की एक बड़ी सी इमारत है. इस इमारत के बनने से पहले यहां एक छोटी सी इमारत थी. यह इमारत गैंगस्टर इकबाल मिर्ची के कब्जे में थी. इस इमारत का निर्माण प्रफुल पटेल की कंपनी ने करवाया है. इसके बदले प्रफुल पटेल ने इकबाल मिर्ची और उसके परिवार को कुछ प्रॉपर्टी और बड़ी मात्रा में कैश दिया था. ईडी को इस मामले में कुछ गड़बड़ी होने का शक  है. इसलिए पैसों की हेराफेरी को आधार मानकर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था.
ईडी द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है. इस मामले में कार्रवाई करते हुए ईडी ने इकबाल मिर्ची के कुछ रिश्तेदारों को अरेस्ट किया है. इकबाल मिर्ची के लिए काम करने वाले कुछ और लोगों को भी अरेस्ट किया गया है. ईडी ने अंडरवर्ल्ड डॉन की कुछ प्रॉपर्टी भी जब्त की है. प्रफुल पटेल ने सीजे हाउस से संबंधित जो प्रॉपर्टी इकबाल मिर्ची को दी थी वो प्रॉपर्टी भी ईडी ने जब्त कर ली है.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 में  हुआ. इस चुनाव से पहले कुछ नेताओं को ईडी ने नोटिस भेजा था. इन नोटिस पाने वालों में राज ठाकरे भी थे. इसी समय प्रफुल पटेल को भी नोटिस मिला था. प्रफुल पटेल ने मीडिया के सामने इकबाल मिर्ची से आर्थिक लेन-देन की बात पहली बार कबूल की थी.
प्रफुल पटेल ने कहा था, ” हां मैंने मिर्ची परिवार के साथ आर्थिक लेन-देन किया है. मैंने कुछ गलत नहीं किया है. यह लेन-देन कानून के दायरे में रहकर हुआ है.” प्रफुल पटेल ने कहा था कि सारे कागजात पब्लिक डोमेन में हैं. मिर्ची को 1999 में पासपोर्ट मिला था, वो यूएई जाकर आया था. ऐसे में उससे आर्थिक लेन-देन करना अवैध नहीं. मिर्ची भारत का नागरिक है. वो नियमित टैक्स भरता है. मैंने 2007 में यह सारा बैकग्राउंड चेक किया था. उसके साथ पैसों के लेन-देन में कानून का किसी तरह से उल्लंघन नहीं होगा, यह कंफर्म होने के बाद ही मैंने कागजात पर साइन किए थे. इसलिए इस मामले पर सवाल उठाना गलत है. कुछ इस तरह से प्रफुल पटेल ने अपनी बात सामने रखी.

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