महाराष्ट्र

अगले आदेश तक धार्मिक स्थलें बंद

सरकार के निर्णय में हस्तक्षेप करने में न्यायालय का इंकार

मुंबई/दि.२५ – राज्य के शहरी क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना महामारी ने अपने पांव पसारे है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में दिन ब दिन वृध्दि हो रही हैं. ऐसे स्थिति में राज्य सरकार व्दारा धार्मिक स्थले खुली न करने के निर्णय में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा ऐसा उच्च न्यायालय ने गुरुवार को स्पष्ट किया है. इसलिए देश के कुछ राज्यों में धार्मिक स्थले खुली हो गई है, परंतु महाराष्ट्र में सरकार के अगले निर्णय तक धार्मिक स्थलें बद ही रखे जाएंगे. लॉकडाउन में शिथिलता लाने के साथ ही केंद्र सरकार ने धार्मिक स्थलों के निर्बंध हटाने के साथ ही धार्मिक स्थलें खुली करने के लिए परमीशन दी थी. उसके बाद भी राज्य सरकार ने राज्य के धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत नहीं दी है, ऐसा नमूद करते हुए उस दृष्टि से आदेश देने की मांग एसोसिएशन ऑफ एडिंग जस्टिस इस संस्था ने जनहीत याचिका के माध्यम से की है. मुख्य न्यायमूूर्ति दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने इस मामले में सुनवाई हुई. फिलहाल की स्थिति में धार्मिक स्थलें खुले करने का विचार नहीं किया जा सकता, ऐसा राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने इस समय न्यायालय में बताया. राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढोतरी हो रही है, मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, पुणे, नागपुर जैसे शहर ही नहीं तो ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में वृध्दि हो रही है. प्रतिबंध के साथ धार्मिक स्थलें खुले करने का निर्णय ले ही लिया तो नागरिकों की ओर से सोशल डिस्टेन्स के नियमों का पालन किया जाएगा, इसकी गारंटी नहीं है. इस ओर कुंभकोणी ने न्यायालय का ध्यान केंद्रित किया. मॉल्स जैसे धार्मिक स्थले शुरु करने के लिए परमीशन देने के आदेश दो, ऐसी मांग यचिकाकर्ता की ओर से दीपेश सिरोया ने की है, लेकिन उच्च न्यायालय ने इस मांग को नकार दिया. कोरोना महामारी के समय में राज्य की स्वास्थ्य यंत्रणा लुढक गई है, ऐसा बताने वाला व्हॉट्सएप संदेश हमें आ रहा है. ओमप्रकाश शेट्ये नामक व्यक्ति ने यह दावा करने वाली वीडियो क्लिप हमें भेजी है, ऐसा मुख्य न्यायमूर्ति दत्ता ने सुनवाई दौरान महाधिवक्ता को बताया. इस व्यक्ति ने वीडियो क्लिप के साथ ही भेजे संदेश में वह मुख्यमंत्री के वैद्यकीय सहकार्य दल का सदस्य होने की बात कही है. यह व्यक्ति सरकारी कर्मचारी है क्या , यह तलाश कर वीडियो क्लिप की सत्यता जांच करने के आदेश न्यायालय ने सरकार को दिये है.यह व्यक्ति सरकारी कर्मचारी होगी और उसने भेजा वीडियो क्लिप सच्ची होगी तो सरकार को इस मुद्देपर अपना पक्ष रखना होगा, ऐसा भी न्यायालय ने स्पष्ट किया है.

 कोरोना की स्थिति चिंताजनक
राज्य में कोरोना की स्थिति चिंताजनक है. देश में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या महाराष्ट्र में ही है. लोग सोशल डिस्टेन्स का पालन नहीं करते, धार्मिक स्थलें खुलने से स्थिति में परिवर्तन होगा क्या ? कोरोनाबाधित मरीजों की संख्या दिन ब दिन बढते ही जा रही है, ऐसे में धार्मिक स्थलें खुली न करने के सरकार के निर्णय में हस्तक्षेप करना उचित नहीं है, उस संदर्भ का निर्णय सरकार ही लेगी.

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