महाराष्ट्र

रेमडेसिवीर, ऑक्सीजन का राज्य में पर्याप्त स्टॉक

राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में पेश किया शपथपत्र

मुंबई/दि.१ – राज्य के अस्पतालों में रेमडेसिवीर इंजेक्षन व ऑक्सीजन का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होने की जानकारी गुरुवार को राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में शपथपत्र पेश कर दी है.
राज्य में ऑक्सीजन, रेमडेसिवीर, बेड की कमी के अलावा कोरोना संबंधि अन्य समस्याओं को लेकर उच्च न्यायालय में दो जनहित याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका पर अपनी बात रखते हुए राज्य सरकार ने न्यायालय में शपथपत्र पेश किया है. केंद्र सरकार ने ३० अप्रैल तक ४,३५,००० रेमडेसिवीर का स्टॉक उपलब्ध कराकर दिया है. इसके अलावा रेमडेसिवीर का वितरण करने के लिए सुकाणू अधिकारियों की नियुक्ती की गई है. वहीं ऑक्सीजन की आपूर्ति जिलाधिकारी द्वारा की जाती है. यह शपथपत्र में जानकारी दी गई है. मुंबई पालिका के पास रेमडेसिवीर व ऑक्सीजन का पर्याप्त स्टॉक होने की जानकारी एड. अनिल साखरे ने दी.
वहीं एड. आर्शिल शाह ने उच्च न्यायालय में बताया कि चार दिनों से वे उनकी मां को टीका लगवाने के लिए कोविड सेंटर के चक्कर काट रहे है. ई-वार्ड में जुलाई तक टीकाकरण का स्लॉट उपलब्ध नहीं है. टीकाकरण केंद्र की भीड़ को कम करने के लिए राज्य सरकार ने कोई उपाय ढूंढना चाहिए. वरिष्ठ नागरिकों के लिए समय निर्धारित कराकर दिया जाए. जिन्होंने को-वैक्सीन ली है, उनको दूसरे डोज के लिए राह देखने के लिए कहा जा रहा है. जिन्होंने एक भी डोज नहीं लिया है. उनको रोका जाए. जिन्होंने एक डोज लिया है. उनको दूसरा डोज देने की प्राथमिकता दिए जाने की सूचना न्यायालय ने राज्य सरकार से की. अगली सुनवायी ४ मई को रखी गई है.

  • रोजाना १२७० टन ऑक्सीजन का उत्पादन

मुंबई शहर सहित राज्यभर में कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम ना हो. इसीलिए राज्य में आईनॉक्स इंडिया, लिंडे, एयर लिक्विड, टायो निप्पॉन, जे.एस.डब्ल्यू यह पांच कंपनियां ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही है. इसके अलावा अनेक छोटे उत्पादक भी है. उनके उत्पादन में भी इजाफा हो रहा है. जिसके तहत सभी उत्पादकों का मिलाकर लगभग १२७० टन ऑक्सीजन का उत्पादन रोजाना किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के लिए १७८४ टन ऑक्सीजन का कोटा निर्धारित किया है. इनमें राज्य सहित बाहरी उत्पादकों का भी समावेश है. फिलहाल राज्य को छत्तीसगड, कर्नाटक, गुजरात से साधारणत: २०० से २५० टन ऑक्सीजन रोजाना मिल रहा है. इसके अलावा नायट्रोजन के लिए रहनेवाले टैंकर का ऑक्सीजन टैंकर में रूपांतर करना शुरू है. जिसके अनुसार ६८० टन ऑक्सीजन बढाकर देने की क्षमता बढ़़ गयी है. ३५० से ४०० टन वाहन क्षमता बढाने का प्रयास किया जा रहा है. सभी जिलों में ऑक्सीजन की आपूर्ति समप्रमाण में होने के लिए अन्न व औषधि प्रशासन द्वारा विवरण पत्र तैयार कर उत्पादक व जिलों को नियमित रूप से दिया जा रहा है. अब तक १६३६ टन के विवरण पत्र दिए गए है.

 

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