महाराष्ट्र

रेमडेसिविर की कीमतें घटी

 अब 1200 से 1800 रूपये में उपलब्ध

मुंबई/दि. 20 – राज्य में एक बार कोरोना का संक्रमण रफ्तार कड़ रहा है, इस बात को ध्यान में रखते हुए अन्न व औषधि प्रशासन यानि एफडीए ने कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में कारगर  रहनेवाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की दरों को नियंत्रित रखने का फैसला किया है. ऐसे में अबतक 4 हजार से 5 हजार 400 रूपयोंकी दर पर मिलनेवाला रेमडेसिविर इंजेक्शन अब मात्र 1200 से 1800 रूपये की दर पर मिला करेगा. साथ ही इसी दर पर राज्य के निजी अस्पतालों में भी उपलब्ध होगा.
उल्लेखनीय है कि राज्य में कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद से अस्पतालों में इलाज हेतु भर्ती होनेवाले मरीजों का प्रमाण तथा इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन का प्रयोग बढ़ गया है. इस बात के मद्देनजर एफडीए द्वारा रेमडेसिविर की दरों को आम व्यक्ति की पहुंच में लाने हेतु तमाम प्रयास शुरू किये गये. वहीं केद्र सरकार ने भी इससे पहले राज्य सरकारों को निर्देश दिये थे कि दवा दर नियंत्रण आदेश 2013 के अंतर्गत राज्य सरकारें अपने अधिकारों का प्रयोग कर कीमतों को कम करने का प्रस्ताव पेश करें. पश्चात अन्न व औषधि प्रशासन आयुक्त अभिमन्यू काले ने भी रेमडेसिवि की दरों को नियंत्रित करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के राष्ट्रीय दवा दर नियंत्रण प्राधिकरण के पास भेजा. साथ ही उन्होंने विगत 7 मार्च को रेमडेसिविर का उत्पादन करनेवाली प्रमुख कंपनियों, होलसेल दवा विक्रेताओं तथा रिटेल केमिस्ट व ड्रगिस्ट असो. के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर रेमडेसिविर की दरों को कम करने का निवेदन किया. जिसके चलते अब अमरावती, नागपुर, नाशिक, औरंगाबाद तथा पुणे संभाग के सभी अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन कम दरों पर उपलब्दध होना शुरू हो गया है, वहीं मुंबई संभाग में अस्पतालों द्वारा कुछ अडिय़ल भूमिका अपनाये जाने के चलते बात नहीं बन पाई है. लेकिन एफडीए प्रशासन को उम्मीद है कि मुंबई में भी निजी अस्पतालों व डॉक्टरों को व्यापक जनहित में मना लिया जायेगा.

कंपनी तथा थोक विक्रेताओं के पास से निजी अस्पतालों को रेमडेसिविर इंजेक्शन 800 से 1800 रूपये की दर तक उपल्बध करवाया जाता है. वहीं अस्पतालों द्वारा मरीजों से इंजेक्शन के लिए एमआरपी की दर से रकम ली जाती है, यह बात ध्यान में आने पर हमने सभी संबंधितों से निवेदन किया कि उन्हें जितने रूपयों में इंजेक्शन उपलब्ध होता है, उस कीमत पर कुछ निश्चित प्रमाण में लाभ जोड़कर मरीजों को दवा उपलब्ध करवाई जाये. ताकि मरीजों की इस महामारी के समय आर्थिक लूट ना हो. हमारे इस निवेदन को राज्य के लगभग सभी हिस्सों से निजी अस्पतालों द्वारा शानदार प्रतिसाद मिला है और सभी अस्पतालों ने एमआरपी की बजाय कम से कम कीमत में रेमडेसिविर का इंजेक्शन उपलब्ध करवाने पर हामी भरी है.
अभिमन्यू काले
आयुक्त, अन्न व औषधि प्रशासन

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