कुरान की शिक्षा बुराईयों के अंधकार से निकालना :नईम शेख
मस्जिद-ए-तौहिद में हुआ ईद मिलन कार्यक्रम
जमात-ए-इस्लामी हिंद का आयोजन
अमरावती/दि.06– कुरआन अरबी भाषा में है और दुनिया की कई भाषाओं में इसका अनुवाद लिखा जा चुका है. इसकी शिक्षा लोगों को बुराईयों के अंधकार से बाहर निकाल कर शांति, सुख, अमन के प्रकाश में ले जाती है. इस तरह के विचार जमात-ए-इस्लामी हिंद के यवतमाल जिलाध्यक्ष नईम शेख ने कही. वे स्थानीय वाहेदत कॉलोनी स्थित मस्जिद-ए-तौहिद में जमात-ए-इस्लामी हिंद व्दारा आयोजित ईद मिलन कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय भाषण में विचार प्रकट कर रहे थे. इस समय मंच पर सेवानिवृत्त वैद्यकिय अधिकारी डॉ. राहुल लाहूडकर, प्रमुख वक्ता दिलीप सोलंके, मस्जिद के इमाम हाफिज अब्दुल कादिर, अमरावती शहर अध्यक्ष रफीक अहेमद खान आदि मंचासीन थे.
कार्यक्रम की शुरूआत मस्जिद-ए- तौहिद के इमाम हाफिज अब्दुल कादिर व्दारा तिलावते कुरआन से की गई. कार्यक्रम का प्रास्ताविक रफीक अहेमद खान ने किया. आसीफ खान ने भी इस समय ‘इंसानों की इस बस्ती में इंसानों से प्यार करो’ प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन अजमत उल्लाह खान ने किया. ईद मिलन समारोह में सभी मेहमानों ने शिर्रखुरमा व अल्पोहार का लुफ्त उठाया. कार्यक्रम में राजस्व विभाग के काजीमोद्दीन, पुरुषोत्तम बागडी, विनोद अढाऊ, अकरम अली, इरशाद खान, मोहम्मद अफसर, नसीमुद्दीन, अमजद अली, मो. हासीम, सै. मोईन अली, मीर जफर अली, आसीफ खान, मो. अबु, डॉ. शिवाजी देशमुख, अमन खान, स्वप्निल मानकर, शेख बिस्मिल्ला, राहुल तिवसकर, मंगेश राऊत, अशोक धमार्ले, नरेश बिजवे, अजान अकमल, नदीम अहमद, इरफान अली, सतीश जावरकर, साजिद खान, हाजी मेराज खान पठान, याह्या खान पठान, जफर इकबाल, मो. साजिद, अफजल अहमद खान, अ. अमीन, किशोर, बबन चव्हाण, एहफाज खान, पुरुषोत्तम गावंडे, दिलीपसिंह खांबरे, श्रीकृष्ण बाकडे, डॉ. चंदनसिंह राजपूत, कलीम पठान, सै.साबिर अली, सै. महेफूज अली, डॉ. मनोज सपकाल, डॉ. प्रवीण सदार, आशीष कडू, पवन जावरक, शेख इकबाल, मो. जावेद, राजू गायकवाड, अथर खान, मो. सलीम, नूर मोहम्मद, दीपक तायडे, सलीमोद्दीन शेख, विजय वाकोडे, अ. मजीद पंजवानी, जमील अहमद, एड. गजेन्द्र हिंगणकर, महेश खुले, मदन पाटिल, महेश देशमुख, स्वप्निल वर्हाडे, दिलबर शाह, पीआई अर्जुन ठोसरे, राजेन्द्र इखार, अनिल राऊत, गणेश गावंडे, जमील शेख, मकसूद अहमद, आरीफ खान, मीर जफर अली, नरेश बोडखे, निवास कंचनपुरे, अनिल लके, मो. जमीर, ढोमणे, फजील, सादिकुल, अमित ठाकरे, अतुल बारखडे, जावेद खान, शे. मोबीन आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.
हर धर्म सीखाता है प्रेम
कार्यक्रम में मुख्य अतिथी के रुप में उपस्थित सेवानिवृत्त वैद्यकीय अधिकारी राहूल लाहूडकर ने कहा कि हमारा देश विभिन्न धर्म, विविध भाषाओं और विभिन्न संस्कृतियों का देश है. हर धर्म प्रेम करना सिखाता है. लेकिन कुछ राजनेताओं उसका दुर्पयोग कर नफरत फैलाते है. अपने स्वार्थ के लिए हमारे देश का संविधान हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौध्द, जैन, सबको अपने धर्म का पालन करने की आजादी देता है. भारत का संविधान लिखित रुप से है. इसलिए चैन से जिंदा है.
देश में फैलाई जा रही नफरत
पुरोगामी आंदोलन के प्रमुख वक्ता दिलीप सोलंके ने अपने अतिथीय भाषण में देश में नफरत फैलाए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षो में वातावरण खराब होता जा रहा है. उन्होनें शहिद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे व पुलवामा में शहिद हुए जवानों की घटना पर प्रकाश डाला.