अनिल देशमुख की याचिका पर सीबीआई से जवाब तलब
पूर्व गृह मंत्री ने हाईकोर्ट से की एफआईआर रद्द करने की मांग
मुंबई/दि.11 – बॉम्बे हाईकोर्ट ने सौ करोड रुपए की अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की याचिका पर सीबीआई से जवाब तलब किया है. देशमुख ने इस याचिका में सीबीआई द्बारा उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ बीती 21 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की थी.
इससे पहले न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ के सामने राज्य सरकार की ओर से सीबीआई के खिलाफ दायर याचिका पर भी सुनवाई हुई. इस याचिका में राज्य सरकार ने देशमुख के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के कुछ हिस्सें पर आपत्ति जताई है और दावा किया कि सीबीआई ने प्रदेश सरकार को अस्थिर करने के इरादे से यह एफआईआर दर्ज की है. याचिका में आग्रह किया गया है कि सीबीआई को राज्य के पुलिस विभाग के तबादलों व तैनाती से जुडे विषय की जांच करने से रोका जाए. कहा गया है कि सीबीआई को बरखास्त कर पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की बहाली के पहलू की भी जांच करने से रोका जाए क्योंकि यह हाईकोर्ट के आदेश का हिस्सा नहीं है.
पाटिल को दी हस्तेक्षप करने की अनुमति
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता जयश्री पाटिल ने राज्य सरकार की याचिका पर आपत्ती जताते हुए कहा कि, यह सुनवाई योग्य नहीं है. सरकार को इस मामले में याचिका दायर करने का हक नहीं है इस पर खंडपीठ ने पाटिल पर इस मामले में हस्तक्षेप आवेदन दायर करने की अनुमति दे दी. जबकि सरकार को पाटिल के आवेदन पर जवाब देने को कहा. पाटिल की याचिका पर सुनवाई के बाद ही कोर्ट ने पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया था. सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल स्पॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी राज्य सरकार की याचिका पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि वे अगली सुनवाई तक आईपीएस अधिकारी रश्मी शुक्ला की ओर से की गई शिकायत के आधार पर राज्य सरकार को भेजे गए पत्र पर कार्रवाई नहीं करेंगे. खंडपीठ ने मामले से जुडे सभी पक्षों को सुनने के बाद दोनो याचिकाओं पर सुनवाई 18 जून 2021 तक के लिए स्थगित कर दी.