‘सेक्युलरिज्म से आरक्षण नहीं मिला, हक नहीं मिला’
मुस्लिम आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में गरजे ओवैसी
मुंबई दी ११ –मुस्लिम आरक्षण की मांग और वक्फ बोर्ड की जमीन की बंदरबांट को रोकने की मांग को लेकर शनिवार (11 दिसंबर) को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी की मुंबई के चांदिवली में एक बड़ी सभा हुई. इस सभा में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ) ने यह इल्ज़ाम लगाया कि मुस्लिम आरक्षण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार गंभीर नहीं है. इसने मुसलमानों का इस्तेमाल वोट बैंक के तौर पर किया है और बदले में इस कौम को धोखा देने के अलावा कुछ नहीं दिया है. इससे पहले एआईएमआईएम के सांसद इम्तियाज जलील ने औरंगाबाद से मुंबई तक 150 से अधिक गाडियों का काफिला लेकर तिरंगा यात्रा निकाली. सुबह सात बजे औरंगाबाद से यह यात्रा शुरू हुई और शाम सात बजे सभा स्थल पर पहुंची.
असदुद्दीन ओवैसी ने इस सभा में कहा कि,’ शिवसेना जो राष्ट्रवाद-राष्ट्रवाद 24 घंटे नारे देती है. वो यह क्यों भूल गए कि तिरंगा राष्ट्रवाद की पहचान है उसे लेकर जब मोर्चा आगे बढ़ रहा था तो उसे रोकने की कोशिश क्यों की गई. यह तिरंगा राष्ट्रवाद की पहचान भी है, हमारी कुर्बानी की कहानी भी है. हमराे बुजुर्गों की निशानी भी है. आखिर आप तिरंगा के खिलाफ भी कैसे हो गए? ‘
‘जब राहुल गांधी मुंबई आएंगे, तब भी ओमिक्रॉन रहेगा कि फूलों से स्वागत किया जाएगा?’
आगे ओवैसी ने कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से पूछना चाहता हूं कि जब राहुल गांधी मुंबई आएंगे तब भी ओमिक्रॉन का नाम लिया जाएगा, धारा 144 लगाई जाएगी कि उनका फूलों से स्वागत किया जाएगा? इनको खाना पकाने के लिए हर चीज की मदद करो और जब खाना पक जाएगा तो ये सब दावत खाएंगे और आपके बच्चे भूखे सोएंगे. आपने वोट दिया था कि एनसीपी और कांग्रेस को. बताइए क्या हुआ? मुसलमान मासूम है सोच रहा था कि ओवैसी वोट काटेगा. एनसीपी और कांग्रेस को वोट दिया. आज यही दोनों जाकर शिवसेना की गोद में बैठ गए. कब तक मुसलमान धोखा खाएगा?’
‘सेक्युलरिज्म से मुसलमानों को क्या मिला ?’
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, ‘चुनाव पर चुनाव आया. सेक्युलरिज्म सेक्युलरिज्म…क्या मिला मुसलमानों को सेक्युलरिज्म से. इससे आरक्षण मिला? हक मिला? इंसाफ मिला? मैं पॉलिटिकल सेक्युलरिज्म को नहीं मानता. मैं वो सेक्युलरिज्म को मानता हूं जो संविधान में लिखा है. हाईकोर्ट ने कहा कि मुसलमान पिछड़े हैं. आरक्षण का हक मुसलमानों को संविधान देता है. फिर क्यों मुसलमानों को आरक्षण क्यों नहीं दिया जाता?’
इस मौके पर ओवैसी ने कहा कि, ‘हिंदुओं में, जैनियों में, इसाइयों में बेटा बाप से आगे बढ़ा है. मुसलमानों में बेटा बाप से और गरीब और पिछड़ा हुआ है. क्या हम आपने हाथों से अपने कौम का मुकद्दर आगे लेकर नहीं चल सकते.’
‘क्या शिव सेना, कांग्रेस और एनसीपी का दिल सिर्फ मराठाओं के लिए धड़केगा?’
ओवैसी ने मुसलमानों के लिए आरक्षण की तरफदारी करते हुए कहा कि, ‘मुसलमानों के पास मराठाओं से जमीनें कम, शिक्षा कम, नौकरी कम फिर क्या शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस का दिल सिर्फ मराठाओं के लिए धड़केगा? यह थ्री इन विन सरकार मुसलामानों के लिए भी कभी कुछ सोचेगी या नहीं? 83 फीसदी मुसलमानों के पास अपनी जमीन नहीं है. 4 फीसदी मुसलमान सिर्फ ग्रेजुएट हुए. 20 फीसदी मुसलमान 20 हजार से भी कम कमाते हैं. 67 फीसदी मुसलमान कच्चे घरों में रहते हैं. महाराष्ट्र में एक भी आईएएस अधिकारी मुसलमान नहीं है. सभी पार्टियां मराठा आरक्षण की बात कर रहे थे. मुस्लिम आरक्षण की बात सिर्फ एआईएमआईएम कर रही है.
‘हम वोट काटने वाले हैं तो तुम क्यों शिवसेना की गोद में जा बैठे?’
हम वोट काटने वाले हैं तो तुमने क्यों शिवसेना के साथ हाथ क्यों मिला लिया? यह कांग्रेस आहिस्ता-आहिस्ता खत्म हो रही है. इंशाअल्लाह ये जल्दी होगा. यही शिवसेना है जो बाबरी मस्जिद के शहीद होने का क्रेडिट ले रही थी.’
12 घंटे में औरंगाबाद से मुंबई पहुंची AIMIM की तिरंगा यात्रा
इससे पहले एआईएमआईएम के सांसद इम्तियाज जलील सुबह सात बजे से औरंगाबाद से मुंबई तक तिंरगा यात्रा करते हुए शाम सात बजे मुंबई के चांदिवली के सभा स्थल पर पहुंचे. इस यात्रा में उन्हें कई जगहों पर रोकने की कोशिश की गई. औरंगाबाद, अहमदनगर, नवी मुंबई के वाशी में अलग-अलग जगहों पर पुलिस ने इम्तियाज जलील को यह समझाने की कोशिश की. लेकिन जलील अपनी तिरंगा यात्रा को लेकर मुंबई तक जाने के लिए अड़े रहे. इस बीच असदुद्दीन ओवैसी मुंबई के जे.डब्लू.मेरिएट होटल पर रूके हुए थे. इम्तियाज जलील के पहुंचने के बाद ओवैसी भी शाम सवा सात बजे सभा स्थल तक पहुंच गए. सभा स्थल में बड़ी तादाद में एआईएमआईएम के कार्यकर्ता पहुंचे थे.
‘मुुंबई…लो मैं आ गया!’
इम्तियाज जलील ने इस सभा में कहा कि, ‘ वो समझ रहे थे कि सरकार मेरी है. मैं कुछ भी कर सकता हूं. मैं समझ रहा था कि आवाम मेरी है, मैं कुछ भी कर सकता हूं. उन्होंने पूरी ताकत लगा दी कि मैं यहां पहुंच ना सकूं. मैंने पूरी ताकत लगा दी कि मैं पहुंच कर रहूं. इसीलिए कह रहा हूं. मुंबई…लो मैं आ गया! हम औरंगाबाद से करीब सवा दौ सौ गाड़ियों का काफिला लेकर निकले. कहा गया कि औरंगाबाद से निकलने ही नहीं देंगे. मैं औरंगाबाद से निकल गया. फिर कहा अहमदनगर में बहुत पुलिस लगाई है. वहां से भी निकल गया. फिर बताया गया कि पुणे से तो जाने नहीं देंगे. मुझे रोका गया. मैंने कहा गाड़ियों से तो उतर जाऊंगा लेकिन पूरे महाराष्ट्र से लोग ट्रेन में भर कर आ जाएंगे. मैं वहां से भी निकल गया. यूं ही लोग एआईएमआईएम को शेरों की जमात नहीं कहते हैं. पुलिस अपना फर्ज निभा रही थी. इसमें उनका कोई दोष नहीं है. पर कौन है जो हमें यहां पहुंचने से रोक रहा था.’
‘हां, हम सौ फीसदी राजनीति कर रहे हैं’
आगे जलील ने कहा कि, ‘ लोगों ने कहा कि आरक्षण तो पुराना मामला है. वक्फ बोर्ड की जमीन भी अब कहां बची है. हमने अपने आप से कहा. मंजिल मिले ना मिले यह मुकद्दर की बात है. हम कोशिश भी ना करें, यह गलत बात है. हमसे कहा गया कि आप राजनीति कर रहे हैं. हमने कहा कि हां, हम सौ फीसदी राजनीति कर रहे हैं. क्योंकि महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव हैं. अभी लोग चौखट पर वोट मांगने आएंगे. यही सही वक्त है.चुनाव के बाद मुसलमानों को कोई नहीं पूछता. जिस तरह मराठा आरक्षण के लिए मराठों ने अलग-अलग पार्टियों के होते हुए भी एक साथ सामने आए, उसी तरह मुसलमानों को भी एक होना पड़ेगा.’
‘गाड़ी छोड़ दूंगा, तिरंगा नहीं छोड़ूंगा’
आगे इम्तियाज जलील ने कहा कि,’ जो लोग शिवसेना-बीजेपी सरकार के वक्त उनसे जोरदार भाषण दिया करते थे. मुस्लिम आरक्षण की वकालत किया करते थे. वह लोग सत्ता में आए तो तेवर बदल गए. दो साल गुजर गए जिक्र तक नहीं हुआ. फिर जब हम सवाल पूछने मुंबई की ओर बढ़े तो सरकार ने पुलिस से कहा कि किसी तरह से रोको इनको. इसीलिए मैं कहता हूं कि सरकार हमसे डरती है, पुलिस को आगे करती है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मेरे पीछे आप सब खड़े थे. हमने अपनी गाड़ियों में अपनी पार्टी के झंडे नहीं लहराए, हम तिरंगा लहराते हुए आए थे. हमें वाशी के पास बड़े पुलिस अधिकारी ने कहा कि अगर आपको मुंबई जाना है तो गाड़ी से तिरंगा निकालिए, गाड़ी में रखिए और मुंबई जाइए. मैं गाड़ी से उतरा और कहा गाड़ी छोड़ दूंगा. पैदल जाऊंगा लेकिन तिरंगा साथ जाएगा. फिर जब हमने चलना शुरू किया तो उन्हें एहसास हुआ कि कुछ गलत हुआ है. फिर उन्होंने हमें कहा जाइए.’
मुसलमान मुल्क की सबसे बड़ी मेजोरिटी, हमें पीछे रख कर तरक्की नहीं हो सकती
आगे उन्होंने कहा कि, ‘मुसलमान इस मुल्क की सबसे बड़ी मेजोरिटी है. अगर इस मुल्क को आगे जाना है तो मुसलमानों को पीछे छोड़ कर नहीं जाया जा सकता. हमें रोकने के लिए कहा गया कि मुंबई में ओमीक्रॉन है. 11 और 12 तारीख के लिए धारा 144 लगाई गई. दो दिनों के लिए ओमीक्रॉन है. फिर ओमीक्रॉन खत्म?देखिए यह सरकार हमसे कितना डरती है. अपनी ताकत को पहचानिए. अगर सड़कों पर उतर गए तो क्या नहीं कर सकते हैं. हम फिर जुटेंगे. जब अधिवेशन शुरू होगा और ये लोग विधानसभा में अंदर बैठेंगे तो हम बाहर फिर जुटेंगे. जब हाईकोर्ट ने फैसला दे दिया है तो सरकार हमें आरक्षण देने से क्यों कतरा रही है?’