राजस्व में २,५०० करोड का घाटा

लॉकडाउन : शराब बिक्री से मिलने वाली आय पर चौकाने वाले आंकडे

मुंबई/दि.१ – महामारा कोरोना वायरस की पृष्ठभूमि में देश में मार्च के आखिरी सप्ताह में लॉकडाउन लगाया गया. इसके शुरुआती चरण में देश के सभी राज्यों में शराब की बिक्री पर पाबंदी थी, किंतु अनलॉक की विभिन्न पादानों में इसकी इजाजत दे दी गई. साथ में यह भी देखा जा रहा है कि, महाराष्ट्र में भी इसका भारी असर देखने को मिल रहा है. कोरोना के कारण राज्य सरकार के आबकारी कर की आवक २,५०० करोड घटी है. वहीं दूसरी ओर बीयर की बिक्री में भी ६.३५ प्रतिशत की कमी आई है. अधिकारियों के अनुसार कोरोना के डर से लोग ठंडे पेय पदार्थ लेने से घबरा रहे हैं. पिछले वर्ष १ अप्रैल से ३० सितंबर के बीच शराब की बिक्री से ६,६०० करोड रुपए की राजस्व की आय हुई थी जबकि इस वर्ष ४ से २७ सितंबर के बीच राज्यों की शराब बिक्री से राजस्व के रुप में केवल ४,०५० करोड की आमदनी हुई.

२०० करोड का लाइसेंस शुल्क बकाया

सूत्रों के अनुसार शराब बिक्री की दूकानों और बार के जरिए लाइसेंस शुल्क के रुप में मिलने वाली रकम अब तक ७५० करोड है जबकि २०० करोड रु. का शुल्क अभी मिलना बाकी है. १ अप्रैल से ३१ अगस्त २०२० के बीच राज्य में १४.२५ करोड लीटर बीयर की बिक्री हुई थी जबकि ४ मई से ३१ अगस्त २०२० के बीच इसमें कमी आयी और यह प्रमाण ५.१९ करोड लीटर रह गया. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष यह कमी ६४ फीसदी की है. राज्य आबकारी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अप्रैल माह में शराब की दूकानों का बंद रहना और रेड जोन कंटेनमेंट जोन में शराब बिक्री को जून माह तक स्वीकृति न दिए जाने के कारण राजस्व में कमी आई है.

  • ४-२७ सितंबर के बीच शराब से ४,०५० करोड की आय (वर्ष २०२०)
  • १ अप्रैल से ३० सितंबर के बीच इसी मद में मिले ६,६०० करोड (वर्ष २०२०)
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