महाराष्ट्र

प्रदेश में चार स्थानों पर बनेंगे पुनर्वसन गृह

पुणे, रत्नागिरी, नागपुर व ठाणे का समावेश

* मानसिक रुप से ठीक हुए नागरिकों को राहत
* प्रति व्यक्ति 12 हजार का अनुदान
मुंबई/दि.13- राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार मानसिक बीमारी से तंदुरुस्त हुए नागरिकों के लिए पुनर्वसन गृह योजना शुरु करेगी. ठाणे, नागपुर, पुणे व रत्नागिरी में पुनर्वसन गृह निर्मित किए जाएंगे. इन घरों में मानसिक बीमारी से मुक्त व्यक्तियों को रहने की सुविधा उपलब्ध की जाएगी. जिन्हें भविष्य में इलाज की जरुरत नहीं होेगी और जिस मानसिक बीमारी से मुक्त व्यक्तियों को उनके परिवारवाले स्वीकार नहीं कर रहे होंगे, ऐसी व्यक्तियों को स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से पुनर्वसन गृह में रहने की सुविधा मिलेगी.
राज्य में ठाणे, नागपुर, पुणे व रत्नागिरी में मानसिक रोगी अस्पताल है. इन अस्पतालों के पास 16 पुनर्वसन गृह बनाए जाएंगे. प्रत्येक पुनर्वसन गृह में 25 लोग रह सकेंगे. महिलाओं व पुरुषों की रहने की व्यवस्था अलग-अलग की जाएगी. राज्य के दिव्यांग कल्याण विभाग ने पुनर्वसन गृह योजना तैयार की है. मंगलवार को राज्य मंंत्रिमंडल की बैठक में यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए रखा जाएगा. एक अधिकारी ने बताया कि, मानसिक रुप से बीमार हुए लोगों को उचार के बाद अनेक बार परिवारवाले घर में दोबारा रखने के लिए तैयार नहीं होते है. ऐसे 18 साल से अधिक आयु के लोगों को पुनर्वसन गृह योजना का लाभ मिलेगा. अधिकारी ने यह भी बताया कि, राज्य सरकार की ओर से एनजीओ को प्रति माह प्रति व्यक्ति 12 हजार रुपए सहायक अनुदान दिया जाएगा. इससे पुनर्वसन गृह चालक एनजीओ इमारत खर्च, आहार, मनोरंजन सहित अन्य व्यवस्था पर आनेवाले खर्च वहन कर सकेंगे. प्रत्येक पुनर्वसन गृह में 15 कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे. पुनर्वसन गृह के संचालन-पात्र एनजीओ के चयन के लिए समिति बनाई जाएगी. इस समिति के अध्यक्ष राज्य के मुख्य सचिव मनोज सौनिक रहेंगे. पुनर्वसन गृह योजना पर सालाना 5.76 करोड रुपए खर्च का अनुमान है. राज्य के जिन चार शहरों में पुनर्वसन गृह शुरु है वह एनजीओ के माध्यम से संचालित किए जाते है. इनमें मानसिक बीमारी से मुक्त 121 व्यक्ति रहते हैं. मुंबई पुनर्वसन गृह में 35, नागपुर में 12, पुणे में 52 और रत्नागिरी में 22 लोग हैं. मासिक बीमारी से मुक्त इन व्यक्तियों को कौशल्य विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इससे भविष्य में वे रोजगार हासिल कर सकेंगे. सरकार का इस योजना के जरिए मुख्य मकसद उन्हें समाज की मुख्य धारा मेें लाना है.
* सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश
दिव्यांग कल्याण अधिनियम 2016 की धारा व्यक्तियों के सामाजिक सुरक्षा व स्वास्थ्य की दृष्टि से पुनर्वसन गृह स्थापित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई 2017 को महराष्ट्र को मानसिक बीमारी से मुक्त व्यक्तियों के लिए पुनर्ववसन गृह स्थापित करने के निर्देश दिए थे.

* नागपुर, वर्धा, यवतमाल, अहमदनगर सहित 20 जगहों पर बनाए जाएंगे वाहन परीक्षण केंद्र
अधिकारी ने यह भी बताया कि आज कैबिनेट की होने वाली बैठक में प्रदेश सरकार ने नए 20 वाहन निरीक्षण केंद्र स्थापित करने को मंजूरी दी है. नागपुर (पूर्व), वर्धा, यवतमाल, अहमदनगर, अकलूज, भंडारा, धुलिया, गडचिरोली, गोंदिया, हिंगोली, जलगांव, जालना, कराड, मालेगांव, उस्मानाबाद, पेण, सांगली, सिंधुदुर्ग, नवी मुंबई, वसई में वाहन निरीक्षण व परिक्षण केंद्र बनाए जाएंगे. सोमवार को राज्य के गृह विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है. इसके अनुसार सरकार ने वाहन निरीक्षण व परिक्षण केंद्र बनाने के लिए 372 करोड 89 लाख रुपए मंजूर किया है. सरकार ने सडक सुरक्षा निधी के तहत यह स्वीकृति दी है.

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