रिक्शा और टैक्सी चालकों के मंडल कागजों पर ही
राज्य सरकार की तरफ से 50 करोड की निधि पहुंची लेकिन कार्यालय का पता नहीं
मुंबई /दि. 15– राज्य सरकार ने 10 माह पूर्व रिक्शा और मीटर टैक्सी धारकों के लिए कल्याणकारी मंडल की स्थापना करते हुए उनके लिए 50 करोड की निधि मंडल के खाते में जमा की. प्रतिनियुक्ति पर 4 अधिकारियों के पास अधिभार भी दिया गया. लेकिन मंडल को अब तक कार्यालय ही न रहने से प्रत्यक्ष में कामकाज की शुरुआत नहीं हुई है.
कल्याणकारी मंडल का कार्यालय चर्चगेट रेलवे स्टेशन के निकट स्थित औद्योगिक बीमा इमारत में प्रस्तावित है. लेकिन वह अब तक तैयार नहीं हुआ है. राज्यस्तरीय कार्यालय में 14 कर्मचारी लेने का निर्णय लिया गया. जबकि जिलास्तरीय कार्यालय के लिए 132 कर्मचारी नियुक्त किए जानेवाले है.
* यह है मांग
– रिक्शा चालकों को आयु के 65 साल बाद कम से कम 6 से 8 हजार रुपए पेंशन मिले.
– रिक्शा चालक की मृत्यु हुई तो उसके परिवार को 10 लाख रुपए का बीमा अथवा नुकसान भरपाई दी जाए.
– बच्चों की शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक बगैर ब्याज का कर्ज दिया जाए और 5 लाख रुपए तक बीमा योजना हो.
* रजिस्ट्रेशन शुल्क का विरोध – शशांक राव
मंडल बाबत मुंबई रिक्शा-टैक्सी मेन युनियन के नेता शशांक राव ने कहा कि, राज्य में 15 लाख रिक्शा चालक और 80 हजार मीटर रिक्शा चालक है. इन सभी की तरफ से 800 रुपए रजिस्ट्रेशन शुल्क लोगे तो यह रकम 120 करोड से अधिक होती है. राज्य सरकार केवल 50 करोड रुपए देगी और टैक्सी चालकों से 120 करोड रुपए वसूल किए जाएगे, यह उचित नहीं है. निर्माणकार्य के मजदूरों से जैसे नाममात्र शुल्क लेकर रजिस्ट्रेशन किया गया, उसी तरह रिक्शा-टैक्सी चालकों का भी रजिस्ट्रेशन किया जाए.
* समिति ही गठित नहीं
राज्यस्तरीय व जिलास्तरीय समिति गठित करने का निर्णय लिया गया. लेकिन अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति के लिए पत्र भेजे गए है. अब तक कोई भी नियुक्ति नहीं की गई है.
* चार वरिष्ठ अधिकारी कार्यरत
चार वरिष्ठ अधिकारी फिलहाल प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है. लेकिन प्रत्यक्ष में क्या काम करना यह इन कर्मचारियों को पता नहीं है. इस कारण रजिस्ट्रेशन धीमी गति से शुरु है.
– नीलेश सानप, कार्यालयीन अधीक्षक, रिक्शा-टैक्सी कल्याणकारी मंडल.