महाराष्ट्र

मोबाइल चोरी की शिकायत के लिए ‘साइबर कैफे’ का मार्ग

पूर्व रणजी खिलाडी को स्वारगेट पुलिस ने दी अजब सलाह

* खुद शिकायत दर्ज करने से किया इंकार
पुणे/दि.16– दुपहिया पर आये तीन लोगों द्वारा मोबाइल छीन लिये जाने के बाद मोबाइल चोरी की शिकायत देने हेतु स्वारगेट पुलिस थाने में गये पूर्व रणजी खिलाडी केदार भावे की शिकायत दर्ज करने से पुलिस ने इंकार कर दिया. साथ ही उन्हें यह सलाह दी गई कि, साइबर कैफे में जाकर अथवा किसी अन्य जरिए ऑनलाइन शिकायत दर्ज करते हुए उसकी प्रतिलिपी पुलिस थाने में लाकर जमा कराओ.

उल्लेखनीय है कि, पुणे पुलिस आयुक्त का पदभार स्वीकार करते ही डॉ. अमितेश कुमार ने पुलिस थानों में लोकाभिमुख सेवा देने पर पूरा जोर रहने की बात कही थी. परंतु उनके द्वारा दिये गये निर्देश के बावजूद भी पुलिस थानों के कामकाज में कोई बदलाव नहीं हुआ है. चंदन नगर पुलिस थाने में मोबाइल चोरी की शिकायत लेने से इंकार किये जाने के बाद अब इसी तरह का मामला स्वारगेट पुलिस थाने में भी सामने आया है. जिसके संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व रणजी खिलाडी केदार भावे विगत 6 फरवरी की रात 9.30 बजे के आसपास बाजीराव रास्ते से पूरम चौक की ओर आ रहे थे, तभी पीछे से दुपहिया पर सवार होकर आये तीन लोगों ने भावे से उनका मोबाइल छीन लिया व भाग गये. जिसके बाद भावे ने पास ही स्थित स्वारगेट पुलिस थाने में दौड लगाई. उस समय रात के 10 बज रहे थे और थाने में एक उपनिरीक्षक व कर्मचारी तैनात थे. जिन्हें भावे ने बताया कि, उनका मोबाइल चूरा लिया गया है और वे शिकायत दर्ज कराना चाहते है, लेकिन उन्हें जवाब दिया गया कि, आप साइबर कैफे में जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराओ और उसकी झेरॉक्स कापी हमें लाकर दो.

* चोरी की नहीं, गुम होने की दर्ज हुई शिकायत
पुलिस ने जब ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने हेतु कहा, तो भावे को लगा कि, अज्ञात चोरों द्वारा उनसे मोबाइल छिने जाने की ऑनलाइन शिकायत दर्ज होगी, जिसके चलते उन्होंने उस वक्त पुलिस की भूमिका का विरोध नहीं किया, लेकिन जब वे ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर रहे थे, तो उन्हें अपनी शिकायत ‘लॉस्ट एण्ड फाउंड’ के ऑप्शन पर दर्ज करानी पडी. जिसमें गुम हुई वस्तु की जानकारी व वस्तु के गुम होने का समय ऐसा लिखा हुआ था. जिसके चलते उन्हें यह समझमें आया कि, उनके मोबाइल के चोरी होने की नहीं, बल्कि गुम हो जाने की शिकायत दर्ज हुई है.

* सीसीटीवी के जरिए जांच क्यों नहीं?
केदार भावे ने ऑनलाइन शिकायत करने के बाद उसकी एक प्रतिलिपी स्वारगेट पुलिस को प्रस्तूत की और जानना चाहा कि, आगे की जांच किस तरह से होगी, तो पुलिस ने उन्हें बताया कि, मोबाइल को ट्रेसिंग पर लगाया जाएगा और जैसे ही चोर द्वारा मोबाइल को शुरु किया जाएगा. वैसे ही पुलिस को इसकी जानकारी मिल जाएगी. इस पर केदार भावे ने पुलिस से जानना चाहा कि, जब मोबाइल छिनने के बाद वे तीनों चोर अपने दुपहिया वाहन पर सवार होकर तिलक मार्ग से फरार हुए थे, तो घटनास्थल सहित तिलक मार्ग पर विविध निजी आस्थापनाओं द्वारा लगाये गये सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में दुपहिया पर सवार चोर जरुर कैद हुए होंगे. ऐसे में मोबाइल के शुरु होने का इंतजार करने की बजाय पुलिस सीसीटीवी कैमरों की पडताल करते हुए चोरों को क्यों नहीं खोज लेती.

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