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दो दिन में 377 आवेदन मंजूर
मुंबई/दि.२४ – कोरोना विपदा के दौर में ऑटो चालकों को मदद देने के लिए शुरु की गई वैर्लिंग पर एक ही समय पर लाखों की तादाद में वेबसाइट खोले जाने से आरटीओ विभाग का पोर्टल बंद पड़ गया. जिसे शनिवार-रविवार इन दो दिनों में केवल 377 आवेदन मंजूर किये गये. तकनीकी काम के लिए रविवार शाम से आवेदन भरने की प्रक्रिया बंद कर दी गई है.
यहां बता दें कि राज्य में ऑटो चालकों की संख्या 7.15 लाख है. इनमें से 10 से 15 हजार नागरिकों को वारीसाना पध्दति से लाइसेंस मिला है. वहीं अन्य लाइसेंस धारक हैं. सहायता की लिंक शुरु होने के बाद पहले दिन लाखों की संख्या में प्रतिसाद मिलने की अपेक्षा होने पर भी तकनीकी बाजू को मजबूत करने में आरटीओ और महाआइटी विभाग कमजोर साबित हुआ.जिसके चलते ऑटो चालकों को 1500 रुपए की मदद पाने के लिए और कुछ दिनों तक प्रतीक्षा करनी पड़ेगी. बीते शनिवार को आवेदन भरने की प्रक्रिया शुरु होने के बाद राज्य के विविध जिलों से सवा लाख से अधिक आवेदकों ने वेब लिंक को भेंट दी.
एक ही समय पर अनेक लोगों व्दारा आवेदन भरने की प्रक्रिया शुरु होने के बाद सरवर की कार्यक्षमता पर परिणाम हुआ है. इसलिए अनेक जगहों पर वेबसाइट स्लो होना, बंद पड़ जाना, ओटीपी नहीं आना आदि दिक्कतों का सामना ऑटो चालकों को करना पड़ रहा है. दूसरे दिन भी यही हालात रहने से रविवार की शाम तकनीकी खामियों को दुरुस्त करने के लिए सरवर अस्थायी रुप से बंद करने का निर्णय आरटीओ विभाग ने लिया. सुबह 8 से रात 10 बजे तक आवेदन भरने की सुविधा उपलब्ध है. सभी लाइसेंस धारक ऑटो चालकों को मदद की जायेगी. इसलिए जल्दबाजी नहीं करने का आवाहन आरटीओ आयुक्तालय की ओर से किया गया है.
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सरकार उड़ा रही मजाक
90 फीसदी ऑटो रिक्षा चालक कर्ज के बोझतले दबे हुए है. महीने के हफ्ते साधारणतः चार से साढ़े चार हजार रुपए है. डेढ़ हजार रुपए की मदद घोषित कर ऑटो चालकों का मजाक उड़ाने का काम किया गया है. मदद देने के लिए भी पर्याप्त तैयारियां सरकार व्दारा नहीं की गई है. जिससे पता चलता है कि ऑटो चालकों को लेकर सरकार गंभीर दिखाई नहीं दे रही. यह राय मुंबई ऑटो रिक्षा टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष शशांक राव ने जताई.