
* सायबर अपराधियों ने बिछाया नया जाल
मुंबई /दि. 5– यातायात नियमों का उल्लंघन करनेवाले वाहन चालकों को यातायात पुलिस द्वारा ‘ई-चालान’ जारी करने के साथ ही इससे संबंधित संदेश भी भेजा जाता है. पुलिस की इसी कार्यपद्धति का फायदा उठाते हुए अब सायबर अपराधियों द्वारा सर्वसामान्य नागरिकों को अपनी जालसाजी के दायरे में खींचा जा रहा है. ऐसा ही एक मामला दक्षिण मुंबई में घटित हुआ. जहां पर एक व्यवसायी को इसी तरह से मोबाइल ‘ई-चालान’ का संदेश भेजकर दंड की रकम भरने हेतु कहा गया और फिर उसके बैंक खाते से डेढ लाख रुपए निकाल लिए गए. इस घटना को लेकर लोकमान्य तिलक मार्ग पुलिस थाने में अपराधिक मामला दर्ज किया गया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक दक्षिण मुंबई के कालबा देवी परिसर में रहनेवाले निसर्ग जैन नामक व्यवसायी के मोबाइल पर 20 जनवरी को एक संदेश आया, जिसमें उनके कार के क्रमांक सहित ‘ई-चालान’ दर्शाते हुए दंड की रकम को त्वरीत अदा करने की बात कही गई. इस संदेश के साथ एक लिंक भी दी गई थी. जिसके चलते निसर्ग जैन ने ऑनलाइन दंड भरने हेतु लिंक पर जैसे ही क्लिक किया तो वाहन परिवहन डॉट एपीके नामक ऐप डाऊनलोड हो गया. कार क्रमांक व स्थान में समानता पाए जाने के चलते निसर्ग जैन ने संभवत: खुद के कोई नियमभंग हुआ होगा, ऐसा मानकर दंड भरने का निर्णय लिया और उस ऐप में अपने बैंक खाते व कार्ड का ब्यौरा दर्ज किया. जिसके बाद उनके मोबाइल पर एक के बाद एक संदेश आने शुरु हो गए और देखते ही देखते उनके बैंक खाते से करीब डेढ लाख रुपए डेबीट हो जाने की बात उनके ध्यान में आई.
* इन बातों का रखे विशेष ध्यान
– ‘ई-चालान’ संदेश की पहले अधिकृत तौर पर पुष्टि करें.
– पुलिस या आरटीओ के अधिकृत ऐप का प्रयोग करें.
– अधिकृत ऐप पर जाकर पूरी पडताल करें.
– यातायात पुलिस कार्यालय में जाकर जानकारी लें.
– किसी भी संदेश के साथ आई लिंक पर क्लिक न करें.
– किसी भी एपीके फाईल को डाऊनलोड करना टाले.
– जालसाजी होने पर तुरंत 1930 क्रमांक पर संपर्क करें.