महाराष्ट्र

17 दिनों में हुई 1 लाख 22 हजार घरों की बिक्री

राज्य सरकार की तिजोरी में जमा हुआ 954 करोड रूपये का मुद्रांक शुल्क

मुंबई/दि.19 – इस समय कोरोना काल अस्त होने की ओर अग्रेसर है, जो घरों की बिक्री के लिहाज से काफी राहतदायक साबित हो रहा है. अकेले दिसंबर माह में 17 दिनों के दौरान करीब 1 लाख 22 हजार 43 घरों की खरीदी-बिक्री का व्यवहार हुआ है. जिसकी वजह से राज्य सरकार की तिजोरी में 954 करोड रूपये जमा हुए है. वर्ष 2020 में हुई घरों की खरीदी-बिक्री को रिकॉर्ड ब्रेक माना जा रहा है और रियल ईस्टेट सेक्टर में अब उम्मीद की किरण जागी है.
बता दें कि, केंद्र सरकार द्वारा विगत मार्च माह से लागू किये गये लॉकडाउन के चलते सभी क्षेत्रों में दैनिक व्यवहार पूरी तरह से ठप्प हो गये थे. साथ ही कई मजदूरों द्वारा बेरोजगारी से तंग आकर अपने पैतृक गांव वापिस लौट गये थे. जिसकी वजह से दो से तीन माह तक भवन निर्माण क्षेत्र में काम पूरी तरह से बंद रहे. पश्चात अनलॉक की प्रक्रिया शुरू किये जाने के बाद चरणबध्द ढंग से सुरक्षा उपायों का पालन करते हुए मजदूरों को वापिस लाकर निर्माण कार्य का प्रारंभ किया गया. साथ ही सितंबर माह से घरों की बिक्री का काम धीरे-धीरे पहले की तरह पटरी पर लौटना शुरू हुआ. इसके अलावा निर्माण कार्य बंद रहने के बावजूद घरों की खरीदी-बिक्री सहित अन्य व्यवहार ऑनलाईन तरीके से शुरू थे और मुद्रांक शुल्क पंजीयन भी ऑनलाईन शुरू था. लेकिन कोरोना काल के दौरान अप्रैल माह में केवल 778 घरों की बिक्री हुई. जिससे सरकार को केवल 3 करोड 11 लाख रूपयों का राजस्व प्राप्त हुआ. लेकिन सितंबर माह से घरों की खरीदी-बिक्री के व्यवसाय ने गति पकडनी शुरू की और दिसंबर माह में घरों की बिक्री ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड दिये. सितंबर माह में 1 लाख 19 हजार 834 घरों की बिक्री से 763 करोड रूपयों का राजस्व प्राप्त हुआ था. वहीं अक्तूबर माह में 1 लाख 30 हजार 955 घरों की खरीदी-बिक्री का व्यवहार हुआ. जिससे 931 करोड रूपयों का राजस्व प्राप्त हुआ. साथ ही नवंबर माह के 15 दिनों के दौरान 77 हजार घर खरीदे और बेचे गये. जिससे 589 करोड रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ था. वहीं राज्य सरकार ने अगस्त 2020 में एक फैसला लेते हुए मुद्रांक शुल्क में तीन प्रतिशत की कटौती की. जिसकी वजह से मुद्रांक शुल्क पांच फीसदी से घटकर दो फीसदी हो गया और सभी लोगों ने इस शानदार अवसर का भरपुर फायदा उठाया. साथ ही भवन निर्माण व्यवसायियों द्वारा भी घरों की कीमतें कम करने और कम कीमत में अधिक सुविधा देने की वजह से घरों की बिक्री में तेजी आयी. आगामी 1 जनवरी से मुद्रांक शुल्क दो फीसद से बढकर तीन फीसद हो जायेगा. इससे पहले 31 दिसंबर 2020 तक समूचे राज्य में 2 लाख घरों की बिक्री होने का अनुमान है.

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