संभाजी राजे ने मुख्यमंत्री को दिया 6 जून तक का अल्टीमेटम
मराठा आरक्षण का मुद्दा फिर गरमाया
मुंबई/दि. 28 – छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी राजे ने मुख्यमंत्री से मराठा आरक्षण के लिए सर्वदलीय बैठक और दो दिनों का अधिवेशन बुलाने की मांग की है. 6 जून तक सीएम उद्धव ठाकरे ने 5 मांगें नहीं मानीं तो आंदोलन शुरू करने का अल्टीमेटम दिया है. आरक्षण के लिए 3 विकल्प भी सुझाए. महाराष्ट्र में एक बार फिर आरक्षण का मुद्दा गरमा गया है. छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और राज्यसभा सांसद संभाजी राजे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भेंट करने के बाद आज पत्रकारों को संबोधित किया. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मराठा समाज को आरक्षण के लिए उन्होंने मुख्यमत्री से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है. साथ ही मुख्यमंत्री से दो दिनों का विधानसभा में अधिवेशन बुलाने को कहा है. इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने 5 मांगें रखी हैं. अगर वे मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वे मराठा समाज के हक के लिए 6 जून से रायगढ़ से आंदोलन शुरू करेंगे.
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ओबीसी कोटे में एक नया वर्ग बनाने की संभावना
राज्यसभा सांसद संभाजे राजे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मराठा समाज को ओबीसी कोटे से एक नया वर्ग बना कर आरक्षण देने की तीव्र मांग है. ओबीसी कोटे में एक नया वर्ग बनाने की संभावना कितनी है, और कैसे है? यह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस और मंत्री अशोक चव्हाण बताएं. मराठा समाज में 70 प्रतिशत लोग गरीब हैं, वंचित हैं, उन्हें आरक्षण मिलना ही चाहिए, मुझे इतना पता है और मैं उनकी लड़ाई लड़ रहा हूं. उन्होंने कहा कि भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठों को आरक्षण देने के पक्ष में थे. छत्रपति शाहू महाराज ने वंचितों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा था. आज मराठा समाज अपने हक के लिए इधर-उधर भटक रहा है.
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सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब तीन उपाय
सांसद संभाजी राजे ने मराठा आरक्षण के संदर्भ में बोलते हुए कहा कि मैं सकल मराठा समाज के लिए बोल रहा हूं. मैं किसी राजनीतिक पार्टी के खिलाफ नहीं बोल रहा, ना ही मेरा कोई राजनीतिक एजेंडा है. सर्वोच्च न्यायालय ने जस्टिस गायकवाड समिति की रिपोर्ट को अवैध घोषित किया. माननीय उच्चतम न्यायलय के निर्णय के विरोध में हम नहीं बोल सकते. लेकिन मराठों को न्याय मिले इसके लिए क्या उपाय किए जाएं, यह अहम सवाल है. इसके लिए तीन विकल्प सामने हैं, जो मैंने सत्ताधारियों और विपक्षियों के सामने गिनाए हैं और इस पर उन्होंने हामी भरी है. पहला विकल्प है पुनर्विचार याचिका (रिव्यू पिटिशन) दाखिल करें. लेकिन अगर रिव्यू पिटिशन नहीं टिका तो राज्य सरकार एक और काम कर सकती है. वो क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल कर सकती है. यह आखिरी विकल्प हो सकता है. लेकिन यह विकल्प अपवादात्मक हो सकता है. इसके लिए ढेर सारे तथ्यों और प्रमाणों को जुटाना होगा. इसके अलावा एक और विकल्प है. 342(A) के अंतर्गत राज्य अपना प्रस्ताव राज्यपाल को भेज सकती है. राज्यपाल के माध्यम से वो राष्ट्रपति के पास जाएगा. राष्ट्रपति को वो उचित लगा तो वे इसे केद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के पास भेजेंगे. केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को यह उचित लगा तो वो इसे संसद के पास भेज देगा.
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5 मांगें नहीं मानी गई तो 6 जून से आंदोलन
इसके अलावा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और राज्यसभा सांसद संभाजी राजे ने पत्रकारों से कहा कि मैंने मुख्यमंत्री को पांच प्रस्ताव दिए हैं और छह जून का अल्टीमेटम दिया. 6 जून को छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक का दिन है. अगर 6 जून तक हमारी ये पांच मांगें नहीं मानी गईं तो हम कोरोना का कारण या कुछ और आगे-पीछे नहीं देखेंगे. रायगड से आंदोलन की शुरुआत करेंगे. संभाजी राजे ने कहा कि हमारी सबसे प्रमुख मांग यह है कि मराठा समाज से जिनकी नियुक्ति पहले ही तय हो चुकी हैं, उन्हें आरक्षण दे दिया जाए.
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मुख्यमंत्री दो दिनों का अधिवेशन और सर्वदलीय बैठक बुलाएं
संभाजी राजे ने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए मुख्यमंत्री से मैंने मांग की है कि वे दो दिनों के अंदर मराठा आरक्षण के लिए दो दिनों का अधिवेशन बुलाया जाए. इस अधिवेशन में सारी पार्टियों से कह रहा हूं, एक दूसरे पर आरोप लगाने की बजाए यह बताएं कि आरक्षण देने के लिए आपके पास क्या योजना है. छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज होने के नाते मैं आप सभी नेताओं से हाथ जोड़ कर विनती करता हूं कि इस उद्देश्य के लिए आप सब अपने मतभेद भुलाकर और एक होकर प्रयास करें. वरना साफ कहें कि आपको मराठा समाज का वोट नहीं चाहिए. सीएम उद्धव ठाकरे से मेरी विनती है कि वे सर्वपक्षीय बैठक बुलाएं. सभी पार्टियों के प्रमुख को पत्र भेजें.