मुंबई/दि. 24 – महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृहमंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख पर CBI ने एफआईआर दर्ज किया है. 100 करोड़ रुपए की वसूली के प्रकरण में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर अनिल देशमुख के मुंबई और नागपुर के घरों और कार्यालयों सहित 10 से अधिक ठिकानों पर आज छापेमारी की है. सीबीआई की इस अचानक हुई कार्रवाई पर शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने शंका उठाई है. उन्होंने एक ट्विट किया है और उसमें लिखा है, ‘दया कुछ तो गड़बड़ है’.
दरअसल यह वाक्य उन्होंने सीआईडी नाम के एक लोकप्रिय धारावाहिक से ली है, जिसमें शिवाजी साटम किसी केस को सॉल्व करते वक्त अपने इन्वेस्टिगेशन में, ‘दया कुछ तो गड़बड़ है’ यह वाक्य बार-बार कहा करते थे. इस संवाद के माध्यम से संजय राउत भी शंका उठा रहे हैं. उनका तर्क है कि माननीय उच्च न्यायालय ने सिर्फ प्राथमिक जांच करने को कहा था और उस 15 दिनों में प्राथमिक जांच के बाद रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था. लेकिन सीबीआई ने अनिल देशमुख पर एफआईआर और छापेमारी कर कुछ ज्यादा आगे बढ़ गई है. आखिर सीबीआई की कार्रवाई में अचानक आई तेजी का कारण क्या है? संजय राउत ने यही शंका उठाई है.
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कानून से ऊपर कोई नहीं
इस बीच देशमुख के घर छापेमारी की खबर पर अपनी प्रतिक्रियाएं देने के लिए राउत मीडिया के सामने हाजिर हुए थे. तब उन्होंने कहा कि सीबीआई का एक एजेंडा है. कोर्ट का ऑर्डर है. कानून से बड़ा कोई नहीं. इसलिए सीबीआई की इस कार्रवाई पर तुरंत प्रतिक्रिया देना उचित नहीं है. देशमुख ने अपना पक्ष सीबीआई के सामने रखा है. सीबीआई की प्राथमिक जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश होगी. तब देखेंगे कि इस पर क्या करना है. सीबीआई अपना काम कर रही है. कोर्ट ने अपना काम किया है. महाविकास आघाडी सरकार भी अपना काम कर रही है. संजय राउत ने इन शब्दों में अपनी सुलझी हुई प्रतिक्रिया दी.
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10 ठिकानों पर छापेमारी और एफआईआर दर्ज
100 करोड़ की वसूली प्रकरण में पूर्व गृहमंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख को सीबीआई ने 14 अप्रैल को पूछताछ के लिए समन भेजा था. इसके बाद अनिल देशमुख से 11 घंटे तक पूछताछ चली थी. इसके बाद सीबीआई की टीम ने एक रिपोर्ट तयार की जिसे अभी तक कोर्ट में पेश नहीं किया गया है. रिपोर्ट पेश करने से पहले ही देशमुख पर एफआईआर दर्ज कर लिया गया है. इससे अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
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इधर छापेमारी शुरू, उधर राजनीति शुरू
एक तरफ सीबीआई की टीम अनिल देशमुख के मुंबई स्थित ज्ञानेश्वरी बंगले और वरली इलाके की सुखदा सोसाइटी की बिल्डिंग के फ्लैट और नागपुर स्थित सिविल लाइन मे स्थित आवास और कार्यालयों सहित 10 से अधिक ठिकानों पर तेजी से छापेमारी कर रही है तो दूसरी तरफ इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू है. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने सवाल किया है कि कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने को कहा था क्या? सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने से पहले ही ये सब कार्रवाई किस आधार पर कर रही है? उन्होंने आगे कहा कि सीबीआई की कार्रवाई महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने की एक साजिश है. इसके जवाब में भाजपा नेताओं का कहना है कि सीबीआई तथ्यों के मिलने पर रेड भी मार सकती है और एफआईआर भी दर्ज कर सकती है. और ऐसा वो शंका के आधार पर मामले की जांच के लिए भी कर सकती है.