मुंबई/दि.5 – महाराष्ट्र की राजनीति में अच्छा-खासा दखल और दबदबा रखनेवाले शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे ने हमेशा ही खुद को सरकारी पदों से दूर रखा. किंतु बालासाहब के बाद अब शिवसेना की राजनीति में काफी बदलाव हो गया है. जिसके तहत वर्ष 2019 तक राजनीति से दूर रहनेवाले ठाकरे परिवार के आदित्य ठाकरे ने मुंबई के वरली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडा और वे विजयी भी हुए. पश्चात शिवसेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली. जिसके बाद आदित्य ठाकरे के पास पर्यावरण व वन मंत्रालय का जिम्मा आया. जिसके चलते युवा सेना प्रमुख रहनेवाले आदित्य ठाकरे के पास अब युवा सेना को देने हेतु पर्याप्त समय नहीं है. ऐसे में पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे द्वारा जल्द ही युवा सेना प्रमुख पद का जिम्मा आदित्य ठाकरे के पास से हटाया जा सकता है, ताकि वे पूरा समय अपने मंत्रालय को दे.
ऐसे में अब सभी की निगाहें इस बार की ओर लगी हुई है कि अगला युवा सेना प्रमुख कौन होगा, जिसे लेकर मिल रही जानकारियों के मुताबिक पहली बार युवा सेना प्रमुख के पद पर ठाकरे परिवार का कोई सदस्य नहीं रहेगा, बल्कि इस पद पर ठाकरे सरनेम के अलावा किसी अन्य कि नियुक्ति की जायेगी. जिसमें फिलहाल आदित्य ठाकरे के बेहद करीबी व भरोसेमंद रहनेवाले वरूण सरदेसाई का नाम सबसे आगे चल रहा है, जो रिश्ते में आदित्य ठाकरे के मौसेरे भाई है. साथ ही इस समय युवा सेना सचिव के तौर पर काम कर रहे है.
ज्ञात रहें कि, अगले वर्ष मुंबई महानगर पालिका के चुनाव होनेवाले है, जो शिवसेना के लिए काफी महत्वपूर्ण है. ऐसे में आदित्य ठाकरे चुनाव संबंधी कामों में लग गये है. साथ ही उन पर मंत्री पद की जवाबदारी है. वहीं वरूण सरदेसाई फिलहाल युवा सेना को संगठनात्मक रूप से मजबूत करने हेतु राज्यव्यापी दौरे पर है और राज्य के अलग-अलग इलाकों का दौरा करते हुए पार्टी पदाधिकारियों से संवाद साध रहे है. जिसे देखते हुए पूरी संभावना है कि, युवा सेना की जिम्मेदारी पार्टी द्वारा उन्हें ही सौंपी जायेगी. यदि ऐसा होता है, तो पहली बार युवा सेना प्रमुख के पद पर ठाकरे परिवार से वास्ता नहीं रहनेवाला कोई व्यक्ति दिखाई देगा और इससे पार्टी में भी एक अच्छा संदेश जायेगा, क्योंकि वरूण सरदेसाई ने इससे पहले छात्र संघ चुनाव में अपना जबर्दस्त नेतृत्व कौशल्य दिखाया था और परदे के पीछे रहकर कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को भी सफलतापूर्वक पूर्ण किया. जिसके चलते उन्हें युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे तथा ठाकरे परिवार का बेहद भरोसेमंद माना जाता है. साथ ही वे हमेशा ही युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे के साथ परछाई की तरह रहते है और कृष्णा हेगडे व आदित्य शिरोडकर जैसे नेताओं को शिवसेना में लाने हेतु सरदेसाई ने ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.