पंचायत राज व्यवस्था के लिए खतरनाक है सरपंच चयन अध्यादेश
नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस का कथन
मुंबई हींस /दि.७ – राज्य विधानमंडल का पावसकालीन सत्र सोमवार से शुरू हुआ है, जो केवल दो दिन ही चलेगा. इस अधिवेशन के पहले दिन प्रस्तुत किये गये ३३ वे क्रमांक के विधेयक का नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने विरोध करते हुए कहा कि, सरपंच चयन का यह अध्यादेश पंचायत राज व्यवस्था को खत्म कर देगा. उन्होंने कहा कि, सरपंच चयन अध्यादेश को मुंबई उच्च न्यायालय सहित नागपुर व औरंगाबाद खंडपीठों द्वारा स्थगिती दी गई थी.
जिसके बाद सरकार के निवेदन पर इन तीनों याचिकाओं को एकत्रित करते हुए मुंबई खंडपीठ में याचिका दाखिल की गई थी. जिसमें राज्य के महाधिवक्ता द्वारा सरकार की ओर से हलफनामा पेश किया गया था. सरकार के इस अध्यादेश के मुुताबिक राज्य सरकार राजपत्रित अधिसूचना के अनुसार पंचायत के प्रशासक के तौर पर योग्य व्यक्ति की नियुक्ती कर सकती है. जिसके संदर्भ में संविधान ने स्पष्ट व्याख्या दी है कि वह व्यक्ति लोकसेवक होना चाहिए और जो व्यक्ति जनता से चुनकर आता है, वहीं लोकसेवक होता है तथा जो कर्मचारी है वह भी लोकसेवक होता है. ऐसे में किसी को भी लोकसेवक अथवा योग्य व्यक्ति नहीं माना जा सकता. साथ ही नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने यह भी कहा कि, जो मामला फिलहाल अदालत के समक्ष विचाराधीन है, उसका विधेयक पारित करने की जल्दबाजी ्नयों की जा रही है.