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* खगोल अध्ययनकर्ता गिरूलकर द्बारा जानकारी
अमरावती/दि.1-शहर व जिले के प्रसिध्द खगोल अध्ययनकर्ता विजय गिरूलकर ने बताया कि मार्च में शनि ग्रह का वलय अदृश्य हो जायेगा. सूर्य माला का यह ग्रह अत्यंत सुंदर है. किंतु आगामी 9 माह तक इसका वलय दिखाई नहीं देगा. नवंबर के बाद वलय दोबारा नजर आने की जानकारी उन्होंने दी. यह भी बताया कि 15 वर्षो मेंं इस प्रकार की स्थिति बनती है. इसके पहले 2009 में इस तरह का वाकया हुआ था.
शौकिया खगोल अध्ययनकर्ता ने बताया कि शनि के पास बर्फ और चटटानों के टुकडे और अंतरिक्ष की धूल से मिलकर यह रिंग बनी है. शनि के गुरूत्वाकर्षण के कारण यह घटक इस ग्रह के ईद गिर्द घूमते हैं. पृथ्वी से हमें रिंग समान दिखाई पडते हैं. मराठी विज्ञान परिषद के विभाग अध्यक्ष प्रवीण गुल्हाने बताया कि आगामी 21 सितंबर को यह ग्रह पृथ्वी के पास आयेगा. उस समय बगैर रिंग अर्थात वलय के शनि कैसा दिखेगा, यह नहीं बता सकते. उल्लेखनीय है कि सौर मंडल में गुरू पश्चात शनि सबसे बडा ग्रह है. उसके वलय की चौडाई 282000 किमी है. उसी प्रकार 10 से 30 मीटर चौडी है. शनि के सर्वाधिक चंद्र अर्थात 146 उपग्रह है.