अमरावतीमहाराष्ट्र

मां को किडनी देकर अपनी बेटी की बचायी जान

सुपर स्पेशालिटी में सफल शल्यक्रिया

अमरावती/दि.23-कारंजा लाड निवासी लता संतोष चव्हाण (46) ने अपनी 19 वर्षीय बेटी सलोनी को किडनी देकर उसकी जान बचाई. शहर के सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल में शुक्रवार 22 मार्च को 37 वां किडनी ट्रांसप्लांट सफल हुआ. सलोनी पिछले 7 महीने से किडनी की बीमारी त्रस्त थी. इसके लिए उसका लगातार डायलेसिस करना पडता था. ऐसे में युवती को होने वाली पीडा व उसके भविष्य का विचार करके उस पर किडनी ट्रांसप्लांट करने का विचार किया गया. पश्चात उसे स्थानाीय सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. तथा किडनी ट्रांसप्लांट हेतु युवती की मां लता चव्हाण ने अपनी एक किडनी अपनी पुत्री को देने का निर्णय लिया. मां के इस निर्णय से एक बेटी को जीवनदान मिला. उल्लेखनिय है कि, महात्मा फुले जनआरोग्य योजनाके अंतर्गत यह शल्यक्रिया नि:शुल्क की गई. अस्पताल के चिकित्सकीय अधीक्षक डॉ.अमोल नरोटे व विशेष कार्यकारी अधिकारी डॉ.मंगेश मेंढे के मार्गदर्शन में नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ.प्रणित काकडे, डॉ.निखिल बडनेरकर, डॉ.नयन काकडे, यूरो सर्जन डॉ.विशाल बाहेकर, डॉ.राहुल पोटोडे, डॉ.विक्रम देशमुख, डॉ.राहुल पोटोडे, डॉ.विक्रम देशमुख, डॉ.राहुल घुगे, डॉ.प्रतीक, डॉ. रोहित हातगांवकर, डॉ.बालकृष्ण बागवाले, डॉ.दीपाली देशमुख, डॉ.जफर अली, डॉ.अंजू दामोधर, आरएमओ डॉ.माधव ढोपरे, किडनी ट्रांसप्लांट को ऑर्डिनेटर डॉ.सोनाली चौधरी आदि ने शल्यक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उसी प्रकार अधिसेविका चंदा खोडके, माला सोरपान की सूचना पर इन्चार्ज सिस्टर अनिता तायडे व समस्त नर्सिंग स्टाफ व अन्य कर्मचारियों ने सहयोग दिया.
किडनी विशेषज्ञों से सलाह लेना आवश्यक
स्थानीय सुपर स्पेशालिटी में हुए किडनी ट्रांसप्लांट मरीजों में सलोनी सबसे कम उम्र की है. इस उम्र में अक्सर रोगप्रतिरोधक शक्ति की बीमारी व जन्मजात किडनी की बीमारी यह किडनी फेल्युअर का कारण होता है. कम उम्र के बच्चों को बार-बार होने वाले यूरीन स्टोन अथवा संक्रमण होने पर किडनी विशेषज्ञों से सलाह लेना आवश्यक है.

 

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