महाराष्ट्र

झुग्गी बस्तियों के बच्चों के लिए फिर शुरु होंगी पाठशाला

बच्चों को मुफ्त शिक्षा देते है एनजीओ से जुडे युवा

  • कोरोना महामारी के चलते नहीं हो पा रही थी पढाई

मुंबई/दि.9 – महानगर और आसपास के इलाकों में कोरोना संक्रमण की दर घटने के बाद ठाणे जिले के उन बच्चों के लिए भी पढाई शुरु होने की उम्मीद जग गई हैं, जो स्कूल नहीं जा पाते. दरअसल, गैर सरकारी संस्था खुशियां फाउंडेशन ठाणे की विभिन्न झुग्गी बस्तियों में रहने वाले करीब 600 बच्चों के लिए झुग्गी बस्तियों में, पुल के नीचे स्कूल चलाती है. यहां समाज को कुछ देने के इच्छूक ऐसे युवा उन बच्चों को पढाते हैं जिनके माता-पिता उन्हें स्कूल नहीं भेज पाते. लोगों की मदद से संस्था यहां पढाने वाले बच्चों के लिए किताब-कापी आदि का भी इंतजाम करती है. कोरोना महामारी के चलते झुग्गी बस्तियों में चलने वाले ये स्कूल भी बंद हो गये थे. माता-पिता के पास इन बच्चों को स्कूल भेजने के लिए ही पैसे नहीं हैं तो ऑनलाइन शिक्षा के बारे में सोचना ही व्यर्थ है. ऐसे में इन बच्चों की पढाई बिल्कुल ठप थी.

आटगांव में नहीं रुकी पढाई

क्वात्रा ने कहा कि, बाकी स्कूल तो बंद कर दिए गए थे लेकिन ठाणे के आटगांव में एक स्कूल चल रहा था. दरअसल, यहां की एक स्थानीय लडकी जो थोडी पढी लिखी थी उसने ही दूसरे बच्चों को पढाने का काम अपने हाथ में ले लिया. यहां बच्चों की संख्या 10 से कम थी इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग की समस्या नहीं हुई. इन बच्चों की पढाई जारी रही. उम्मीद है कि, बाकी बच्चे भी जल्द ही फिर से पढाई शुरु कर पाएंगे.

रोटी घर के जरिए बना रहा संपर्क

समाजसेवी चीनू क्वात्रा ने कहा कि, राज्य के ग्रामीण इलाकों में 17 अगस्त से स्कूल खुल रहे हैं. मुंबई, ठाणे समेत आसपास के इलाकों में भी संक्रमण की दर काफी कम है. फिलहाल इन सभी बच्चों को संस्था के रोटी घर के जरिए खाना पहुंचाया जा रहा है, इसलिए हम नियमित संपर्क में है. हमारी कोशिश है कि, जहां कोरोना संक्रमण के मामले काबू में हैं, ऐसी झुग्गी बस्तियों में फिर स्कूल शुरु कर दिए जाएं. बच्चे भी इसे लेकर काफी उत्साहित हैं. कोरोना संक्रमण से पहले सात झुग्गी बस्तियों के बच्चों के लिए स्कूल चलाए जाते थे. हर जगह 70 से 80 बच्चे पढने के लिए आते हैं.

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