महाराष्ट्र

स्कूलों को लेनी चाहिए छात्रों के परिवहन की जिम्मेदारी

बदलापुर अत्याचार का मामला

* विशेष समिति की सिफारिश
* हाई कोर्ट में रिपोर्ट पेश
मुंबई/दि.27-बदलापुर के लैंगिक अत्याचार की घटना की पृष्ठभूमि पर शालेय बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से सिफारिशें सुझाने वाली रिपोर्ट दो सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति की अध्यक्षता वाली विशेष समिति ने बुधवार को हाई कोर्ट में पेश की. इस रिपोर्ट पर दो सप्ताह में भूमिका स्पष्ट करने के आदेश कोर्ट ने सरकार को दिए है.
स्कूल पीरिसर में सीसीटीवी अनिवार्य करना, पुलिस द्वारा कर्मचारियों की कैरेक्टर जांच करना, स्कूल अथवा उस परिसर में रहते समय तथा बस में सफर करते समय छात्रों के सुरक्षित सफर की जिम्मेदारी ली जाए, उन्हें गुड टच-बैड टच के बारे में जानकारी दें, आदि सिफारिशें निवृत्त न्यायमूर्ति साधना जाधव, न्यायमूर्ति शालिनी जोशी-फणसालकर की अध्यक्षता वाली और पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवणकर का समावेश रहनेवाली विशेष समिति ने की है. रिपोर्ट में छात्रों का साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता करने और 1098 यह टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित करने की सिफारिश भी की गई है. न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले के खंडपीठ के सामने समिति की रिपोर्ट पेश की गई. जिस पर ध्यान केंद्रीत कर इस रिपोर्ट का हम अभ्यास करेंगे, तथापि यह रिपोर्ट सरकार को पेश की जाए. तथा इसमें सुझाई गई सिफारिशों के अमल के लिए सरकार की ओर से क्या उपाय योजना की जाती है? यह दो सप्ताह में स्पष्ट करने के निर्देश अदालत के सरकारी वकील हितेन वेणेगांवकर को दिए.

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