मुंबई/दि.१३ – प्रदेश में शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में स्कूलों को विद्यार्थियों की फीस में 15 प्रतिशत कटौती करनी होगी. यह आदेश सभी बोर्ड और मीडियम के स्कूलों पर लागू होगा और इसे स्कूलों को तत्काल लागू करना पडेगा.
गुरुवार को राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी किया है. शासनादेश के अनुसार सरकार ने स्कूलों को शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए निश्चित की गई कुल फीस में 15 प्रतिशत कटौती करने का आदेश दिया है. जिन अभिभावकों ने बच्चों की पूरी फीस स्कूलों में जमा कर दी है, ऐसी अतिरिक्त फीस को स्कूल प्रबंधन को अगले महीने या तिमाही अथवा अगले साल की फीस में समायोजित करना होगा. यदि इस तरीके से फीस समायोजित करना संभव नहीं होगा तो उसको वापस करना होगा.
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टल सकता है स्कूल खोलने का फैसला
कोविड टाक्स फोर्स के विरोध के बाद प्रदेश के ग्रामीण और शहरी इलाकों में 17 अगस्त से स्कूल खोलने को लेकर स्कूली शिक्षा विभाग बैक फुट पर आ गया है. विभागीय मंत्री वर्षा गायकवाड ने गुरुवार को कहा, ‘स्कूल शुरु करने को लेकर कोविड टास्क फोर्स की बुधवार देर रात बैठक हुई थी. इसमें स्कूली शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वंदना कृष्णा ने कोविड टास्क फोर्स को बताया कि, स्कूल खोलने के लिए जोर-जबरदस्ती नहीं की जाएगी. टास्क फोर्स को शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल खोलने के लिए जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के बारे में नहीं पता था. अब विभाग ने टास्क फोर्स को एसओपी भेज दी है. कोविड टास्क फोर्स ने भी अपनी एसओपी शिक्षा विभाग को भेजी है. जिसका अध्ययन वंदना कृष्णा कर रही है. अगले दो-तीन दिन में टास्क फोर्स के साथ बैठक होगी. जिसके बाद स्कूलों को खोलने पर अंतिम फैसला ले लिया जाएगा.’
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‘शिक्षा लेने से न रोकें’
फीस कटौती के बारे में विवाद पैदा होने पर संबंधित विभागीय शुल्क नियामक समिति या सरकार के 26 फरवरी 2020 के शासनादेश के अनुसार गठित विभागीय शिकायत समिति के पास शिकायत दाखिल की जा सकेगी. इस संबंध में विभागीय शुल्क नियामक समिति अथवा विभागीय शिकायत निवारण समिति का फैसला अंतिम होगा. सरकार ने कहा है कि, स्कूल फीस और बकाया फीस न भरने के कारण स्कूल प्रबंधन किसी विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष अथवा ऑनलाइन पद्धति से शिक्षा लेने तथा परीक्षा में बैठने पर रोक न लगाए.