महाराष्ट्र

विद्यार्थी को डांटना या उचित सजा देना अपराध नहीं

अदालत ने एक प्राथमिक स्कूल की शिक्षक की सजा के आदेश को पलटते हुए फैसला सुनाया

मुंबई/दि.4- बंबई हाईकोर्ट की गोवा खंडपीठ ने एक अहम फैसले में कहा है कि स्कूल में अनुशासन बनाए रखने के लिए किसी विद्यार्थी को डांटना या उचित सजा देना अपराध नहीं है. अदालत ने एक प्राथमिक स्कूल के शिक्षक की सजा के आदेश को पलटते हुए यह फैसला सुनाया.
वर्ष 2014 की इस घटना में शिक्षक पर स्कूल की दो बहनों की पिटाई करने के का आरोप था. इसके चलते उन्हें एक दिन के कारावास और 1 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी. दरअसल, छोटी बहन ने अपनी बोतल का पानी खत्म होने पर दूसरी लडकी के बोतल से पानी पी लिया था. जिसके बाद उसकी बडी बहन दूसरी कक्षा से उसे देखने के लिए आई थी. इसके लिए शिक्षक ने दोनों बहनों की पिटाई की थी.
मामले की सुनवाई करते हुए भरत देशपांडे की एकल खंडपीठ ने कहा किसी और की बोतल से पानी पीना स्कूल के अनुशासन के खिलाफ है, ऐसा करने पर दूसरे छात्र के अभिभावक स्कूल में शिकायत कर सकते थे. इस वजह से ही शिक्षक को यह कदम उठाना पडा. यदि छात्र निर्देशों को समझने में सक्षम नहीं होते और बार-बार गलतियां कर रहे हैं, तो उन्हें समझाने के लिए शिक्षक सख्त होने पर बाध्य होते है.
अदालत ने साथ ही कहा कि मारते समय छडी या स्केल का उपयोग किया गया था या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. अदालत ने कहा प्राथमिक विद्यालय में यह घटना काफी सामान्य है. छात्रों को अनुशासित करने और अच्छी आदतें विकसित करने के लिए शिक्षकों को कई बार सख्त होना पडता है, यह कोई अपराध नहीं है.
शिक्षक हमारी शिक्षा प्रणाली की रीढ
अदालत ने कहा, शिक्षकों को समाज में सबसे अधिक सम्मान दिया जाता है. वे हमारी शिक्षा प्रणाली की रीढ है. यदि शिक्षके के मन में ऐसे तुच्छ मामलो के लिए और विशेष रुप से बच्चों को सही अनुशासन सिखाते समय आरोपो का डर रहेगा, तो स्कूल को संचालित करना और उचित शिक्षा के साथ अनुशासन बनाए रखना बहुत मुश्किल होगा.
स्कूल का उद्देश्य केवल अकादमिक विषय पढाना नहीं
पीठ ने कहा कि, छात्रों को स्कूल इसलिए भेजा जाता है कि ताकि वह शिक्षण के साथ ही जीवन के अन्य पहलुओं के बारे में भी सीखे और समझे. जिसमें से एक अनुशासन भी है. स्कूल का उद्देश्य केवल अकादमिक विषयों को पढना नहीं है बल्कि छात्रों के जीवन के सभी पहलुओं के लिए तैयार करना है.
मुख्य बिंदु
– बंबई हाईकोर्ट की गोवा खंडपीठ का बडा फैसला
शिक्षक की सजा के आदेश का दिया पलट
– एक दिन के कारावास और एक लाख रुपए के जुर्माने की थी सजा
शिक्षक पर था छात्राओं (दो बहनों) की पिटाई करने का आरोप
– पीठ ने कहा कि स्कूल में किसी और की बोतल से पानी पीना अनुशासन के खिलाफ

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