मुंंबई/दि. 27 – राकांपा नेता एकनाथ खडसे को जबर्दस्त झटका लगा है. पुणे के भोसरी एमआईडीसी भूखंड खरीदी के धांदली मामले में अपराध दर्ज कर जांच करने वाली ईडी की टीम ने एकनाथ खडसे की लोणावला व जलगांव की 5 करोड से ज्यादा संपत्ति जब्त की है. ईडी की इस कार्रवाई से राजनीतिक क्षेत्र में हडकंप मचा हुआ है.
बता दें कि फडणवीस सरकार के दोैर में एकनाथ खडसे राजस्व मंत्री थे. इस समय साल 2016 में उन्होंने पुणे के भोसरी एमआईडीसी में 3.1 एकड का प्लॉट खरीदी करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया. 31 करोड रुपयों का मूल्य रहने वाले भूखंड को 3.7 करोड रुपए में यानी रेडी रेकनर की दर से भी कम बाजार मूल्य दिखाकर जमीन खरीदी करने का आरोप लगाया गया है. यह भूखंड अब्बास उकानी के मालिकाना था. उनके पास से एमआईडीसी में वर्ष 1971 में वह भूखंड अधिग्रहित किया था, लेकिन उकानी को भुगतान का मुआवजा देने का मुद्दा न्यायालय में प्रलंबित था. ऐसे में खडसे ने 12 अप्रैल 2016 में बैठक बुलाई. जमीन उकानी को लौटाई जाए या फिर ज्यादा नुकसान मुआवजा दिया जाए, इसे लेकर तत्काल निर्णय लेने के निर्देश अधिकारियों को दिये जाने का दावा किया जाता है. उकानी ने खडसे की पत्नी मंदाकिनी खडसे और दामाद गिरीश चौधरी को भूखंड बेचे जाने की बात सामने आयी थी. इस दरमियान ईडी ने इस मामले में खडसे के दामाद गिरीश चौधरी को गिरफ्तार किया है जो फिलहाल न्यायीक हिरासत में है. ईडी ने एकनाथ खडसे के मामले की जांच पूरी की है. उनकी पत्नी और जलगांव जिला दूध संघ की पूर्व अध्यक्ष मंदाकिनी खडसे को जांच के लिए मौजूद रहने का नोटीस भेजा था. खडसे की बेटी जलगांव जिला सहकारी बैंक की अध्यक्ष को नोटीस भेजकर संत मुक्ताई सक्कर कारखाने को कर्ज दिये जाने के मामले के सभी दस्तावेज मांगे है.