महाराष्ट्र

महाराष्ट्र विधानसभा के 140 विधायकों पर गंभीर आरोप

चुनाव मैदान में दागियों से किसी को परहेज नहीं

  • सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर अपनाया कडा रुख

मुंबई/दि.12 – राजनीतिक में अपराधीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कडा रुख अपनाया है. देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि, राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकार्ड की खुद जानकारी दें पर वास्तव में किसी भी दल को आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों से कोई परहेज नहीं है. 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 29 फीसदी दागी उम्मीदवार थे.
महाराष्ट्र इलेक्शन वाच और एसोशिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड रहे 916 यानी 29 प्रतिशत उम्मीदवारों पर अपराधिक मामले दर्ज है. इनमेें से 600 यानी 19 फीसदी ऐसे हैं, जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं. 4 उम्मीदवारों पर दुष्कर्म और 67 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे मामले भी दर्ज हैं. इनमें से अधिकांश चुनाव जीत विधायक बन चुके है. वर्ष 2019 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में चुने गए 288 विधायकों में से 176 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. इसमें से 140 विधायकों पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं. जबकि सन 2014 के विधानसभा चुनाव में 165 विधायक आपराधिक मामलों का सामना कर रहे थे. इनमें से 115 गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे थे. एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र विधानसभा के कुल 288 विधायकों में 285 विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण करने पर पाया गया कि 62 प्रतिशत (176 विधायक) के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं, जबकि 40 प्रतिशत (113 विधायक) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं. एडीआर ने कहा कि, शेष तीन विधायकों के हलफनामे का अध्ययन नहीं किया जा सका था, क्योंकि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उनके संपूर्ण कागजात उपलब्ध नहीं थे. 2014 के चुनाव में राज्य विधानसभा में 165 विधायक आपराधिक मामलों का सामना कर रहे थे. इनमें से 115 पर गंभीर आपराधिक आरोप थे.

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