महाराष्ट्र

कानूनी मुश्किल में सीरम इंस्टीट्यूट !

कोविशील्ड नाम के इस्तेमाल पर कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर

पुणे/दि.६ – दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के खिलाफ नांदेड़ की एक कंपनी ने मुकदमा दायर किया है. कटिस बायोटेक नाम की कंपनी ने यह मामला कोविशील्ड नाम को लेकर किया है. कंपनी का कहना है कि उन्होंने इस नाम से पहले ही कई प्रोडक्ट तैयार किए हैं और बेचे भी जा चुके हैं. सीरम में ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजैनेका वैक्सीन कोविशील्ड का निर्माण हो रहा है.
नांदेड़ की फार्मा कंपनी कटिस बायोटेक ने सीरम इंस्टीट्यूट के खिलाफ पुणे कमर्शियल कोर्ट में मुकदमा दायर किया है. कंपनी का आरोप है कि सीरम ने अपनी कोविड-19 वैक्सीन के लिए कोविशील्ड नाम का इस्तेमाल किया है. जबकि, उन्होंने पहले ही इस नाम के पंजीयन के लिए आवेदन दिया हुआ है.
कंपनी ने दावा किया है कि उन्होंने कोविशील्ड नाम के ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए अुप्रैल 2020 में आवेदन किया था. इतना ही नहीं कंपनी का कहना है कि वे इस नाम से पहले ही कई तरह के उत्पाद तैयार कर चुके हैं. इसके अलावा कंपनी इस नाम से अपने कई प्रोडक्ट्स को बाजार में बेच रही है. कुछ दिनों पहले सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने वैक्सीन निर्माताओं को मुकदमों से बचाने की मांग की थी. उन्होंने सरकार से इस संबंध में कानून लाने की भी बात कही थी. पूनावाला ने सरकार से मुकदमों के खिलाफ निर्माताओं को सुरक्षित रखे जाने की मांग की थी. गौरतलब है कि इससे पहले चेन्नई के एक वॉलिंटियर ने आरोप लगाया था कि वैक्सीन ट्रायल के बाद उसे साइट इफेक्ट्स से जूझना पड़ा था. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने रविवार को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजैनेका की वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपात कालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी थी. हालांकि, दोनों वैक्सीन को पाबंदियों के साथ उपयोग की इजाजत मिली है. इसी तरह की अनुमति अमेरिका और ब्रिटेन ने फाइजर, मॉडर्ना की वैक्सीन को दी है.

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