मुंबई/दि.30 – राज्य सरकार ने नाशिक के यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी 2016 से सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मंजूरी दी है. लेकिन विश्वविद्यालय के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का प्रत्यक्ष लाभ 1 नवंबर 2020 से दिया जाएगा. राज्य सरकार ने स्पष्ट कहा है कि सातवे वेतन आयोग के अनुसार शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से 31 अक्तूबर 2020 तक की बकाया राशि नहीं दी जायेगी.
राज्य सरकार के उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है. इसके अनुसार विश्वविद्यालय के अंशकालिक कर्मचारियों, ठेका कर्मचारियों और आकस्मिक खर्च में वेतन दिए जानेवाले कर्मचारियों को भी सातवें वेतन आयोग का लाभ नहीं मिल सकेगा. इससे पहले सरकार ने राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए 1 नवंबर 2019 से सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मंजूरी दी थी.