महाराष्ट्र

महिला वकील और पुलिस अधिकारी द्वारा ही सेक्सटॉर्शन?

हाई कोर्ट ने जांच के दिए आदेश

नवी मुंबई/दि.15-बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को नवी मुंबई, ठाणे क्षेत्र में पुलिस अधिकारी, महिला वकील और सिलसिलेवार शिकायतकर्ताओं के एक गिरोह द्वारा चलाए जा रहे सेक्सटॉर्शन रैकेट की जांच करने का आदेश दिया है.
मोटर वाहन कंपनी का एक वरिष्ठ प्रबंधन अधिकारी 30 महीने से अधिक समय से जेल में है. उनके खिलाफ एक महिला वकील ने रेप का मामला दर्ज कराया है. उन्होंने जेल से एक याचिका भेजकर दावा किया कि, जिस शिकायतकर्ता ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था, उसे कई पेशेवरों के खिलाफ बलात्कार और छेडछाड के झूठे मामले दर्ज करने के लिए सिलसिलेवार शिकायतकर्ता के रूप में जाना जाता है. यह एक ‘संगठित और सुनियोजित’ अपराध सिंडिकेट हैं, जो विशेष रूप से युवा महिला वकीलों द्वारा चलाए जाते हैं. ये महिला वकील पहले अमीर पुरुषों से रिश्ते बनाती हैं, फिर प्यार में छोटी रकम मांगती हैं और फिर रेप केस की धमकी देकर बडी रकम मांगती हैं. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने जज को बताया कि एक सहायक पुलिस निरीक्षक नवी मुंबई और ठाणे की दो महिला वकीलों के कहने पर ऐसे झूठे मामले दर्ज करने में अहम भूमिका निभा रहा है. इसके कारण पुरुषों को वर्षों तक जेल में रहना पडा.
* बेदखली के वास्तविक मामले
1. न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और डॉ. नीला गोखले ने कहा कि ‘फर्जी रेप के मामले’ वास्तविक रेप के मामलों को भी प्रभावित करते हैं. इस याचिका पर हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया.
2. झूठे मुकदमे दर्ज कराने पर यदि उस महिला पर आप कार्रवाई करना चाहते हैं, तो करें. यदि आपका अधिकारी उसके साथ मिलीभगत कर रहा है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई करें, ऐसा न्यायमूर्ति मोहिते-डेरे ने कहा.

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