महाराष्ट्र

पानी की कमी के कारण बीयर कंपनियों पर ‘ड्राय डे’ का साया

जायकवाडी बांध में मात्र 19 फीसदी जल भंडारण शेष

छत्रपति संभाजीनगर/दि.9– जायकवाडी बांध में मात्र 19 फीसदी जल भंडारण बचा है. जिलाधिकारी दिलीप स्वामी ने चेतावनी दी है कि चूंकि पेयजल प्राथमिकता है, इसलिए जरूरत पडने पर शराब और बीयर निर्माता कंपनियों को पानी की आपूर्ति कम कर दी जाएगी. छत्रपति संभाजीनगर जिले में छह बीयर निर्माण कंपनियां हैं जो दुनिया भर में लोकप्रिय हैं और छह विदेशी शराब निर्मिती की कंपनियां है. वर्ष के दौरान 3778.28 लाख लीटर बीयर उत्पादन और 761.53 लाख लीटर विदेशी शराब का उत्पादन किया है.

इस वर्ष कम वर्षा के कारण पेयजल प्राथमिकता है. इसलिए जरूरत पडनेे पर शराब और बीयर निर्माता कंपनियों में पानी की सप्लाई कम कर दी जाएगी.

इस माध्यम से राज्य सरकार को इस वर्ष 5.455 करोड रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. यह अपेक्षित उत्पादन का 86.41 प्रतिशत है. यह पिछले साल से सात फीसदी ज्यादा है. इस साल कम बारिश के कारण जायकवाडी बांध में पानी का भंडारण कम है. इसलिए नगर और नासिक जिले से समान वितरण के माध्यम से आठ अरब घन फीट पानी जायकवाडी बांध में छोडा गया था. जायकवाडी जलाशय का काफी कम पानी बीयर और शराब बिक्री कंपनियों को लगता है, ऐसा युक्तिवाद किया जाता है. किल्लत क्षेत्र में इन कंपनियों द्वारा अब कम पानी में अधिक उत्पादन लेने के अलग-अलग प्रयोग भी किए जा रहे है. हवा का अधिक दबाव और कम पानी ऐसा नोजल इस्तेमाल कर बोतलें धोने से लेकर तो पुनईस्तेमाल करने की अनेक पद्धति उपयोग में लाई जा रही है, ऐसा कहा जा रहा है.

* कौन सी कंपनियां?
-विदेशी शराब : यूनाइटेड स्पिरिट, कोंकण एग्रो, एबीडी पीएलएल, रेडिको एन. वी., ग्रेनोच इंडस्ट्रीज, बीम ग्लोबल
-बिअर : यू बी मिलिनिअम, यू. बी. अजिंठा, काल्सबर्ग, ए.बी.इन वेव्ह, लिलासन्स, फोस्टर, ग्रे नौच, कोकण अ‍ॅग्रो सीएल

कुछ कंपनियों द्वारा उनके उत्पादन को बारामती और नासिक जिले में ले जाया जाता है. फिर भी मार्च के अंत तक 86.41 फीसदी राजस्व लक्ष्य पूरा कर लिया गया है. इस साल उम्मीद थी कि राजस्व 6 हजार 313 करोड रुपये रहेगा. इस साल 5.455 करोड का राजस्व मिला है. रोजाना इसकी जांच की जा रही है कि चुनाव के दौरान कहीं ज्यादा बिक्री तो नहीं हो रही है.
-महेश झगडे, अधीक्षक,
राज्य उत्पाद शुल्क, छत्रपति संभाजीनगर

पेयजल प्राधान्यक्रम है. जलस्त्रोत टिका तो ही टैंकर से पानी दिया जाता सकेगा. शहर में उपलब्ध पेयजल का जानकारी अब तक जांची नहीं गई. शराब निर्मिती के लिए लगनेवाला पानी अधिक होगा तो समय पर कटौती करने का निर्णय भी लिया जा सकता है.
-दिलीप स्वामी, जिलाधिकारी,
छत्रपति संभाजीनगर

Back to top button